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राजा प्रजा सम बसे रविदास रहे प्रसन्न-डॉ. देशभरतार

राजा प्रजा सम बसे रविदास रहे प्रसन्न-डॉ. देशभरतार

आरक्षण खत्म ? संविधान बदला, पुस्तिका विमोचित

सिवनी। गोंडवाना समय। 
वर्ण व्यवस्था के तहत जिस शूद्र वर्ण में संत रविदास जी का जन्म हुआ था । उस व्यवस्था में ऊंच-नीच, अन्याय-अत्याचार, शोषण और भूखमरी के दर्दनाक विधान कठोरतापूर्वक लागू थे । इनको समाप्त करने संत रविदास जी ने जीवन भर संघर्ष किया। वे सबको बराबरी और सबको सुखमय जीवन के लिये समानता, सम्मान, शिक्षा, रोजगार आदि की सुविधा चाहते थे तभी तो उन्होंने कहा था, ऐसा चाहूं राज मैं, मिले सबन को अन्न। राजा प्रजा सम बसें, रविदास रहे प्रसन्न।।
उक्ताशय के विचार डॉ.अम्बेडकर चौक में आयोजित संत रविदास जयंति समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. एल. के. देशभरतार ने व्यक्त किये। आपने आगे कहा कि बाबा साहेब डॉ.आम्बेडकर की मेहरबानी से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग को कुछ सुविधायें मिल रही है लेकिन यह समाज दुर्गुणों का शिकार हो रहा है। अत: हमे दुर्गुणों का त्याग कर संत रविदास जी के ज्ञान मार्ग को अपनाना चाहिए। महात्मा रविदास शिक्षा मिशन मंगली पेठ एवं भारत मुक्ति मोर्चा जिला सिवनी के तत्वाधान में आयोजित उक्त कार्यक्रम में आरक्षण खत्म ? संविधान बदला, नामक पुस्तिका का विमोचन करते हुये विशेष अतिथि एडव्होकेट याह्या आरिफ कुरैशी ने कहा कि किसी भी देश की एकता और तरक्की के लिये वहां के नागरिकों में समानता और सदभाव होना जरूरी है। संत रविदास जी की इसी शिक्षा की आज अत्यंत आवश्यकता है। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता श्री नरेश मंगोरे ने कहा कि देश भर में अनेक संगठन संत रविदास जी की जयंति मनाते है। जयंति मनाना मात्र परंपरा है लेकिन संत रविदास जी की शिक्षाओं को अपनाना क्रांतिकारी कदम है। विशेष अतिथि श्रीमति किरण प्रकाश बुर्डे ने कहा कि मैं पिछड़े वर्ग की महिला हूं हमारे वर्ग के उद्योग धंधों पर पूंजिपतियों ने कब्जा कर लिया है। हमारा वर्ग अब बेरोजगार और लाचार है। ऐसे समय में संत रविदास जी की वाणी ऐसा चाहूं राज में मिले सबन को अन्न।। को लागू करने की जरूरत है बालाघाट से आई आदिवासी समाज की सुश्री सकुन प्रधान ने कहा की आरक्षण खत्म हो चुका है, संविधान बदल चुका है । आदिवासियों के जल,जंगल और जमीन के साथ ही संविधान में दिये गये अधिकारों को देश का सत्ताधारी वर्ग लूट रहा है। कुछ दिनों पहले 13 पाईट रोस्टर नियम लागू होने से अब कॉलेजों में एससी, एसटी, ओबीसी वर्ग को नौकरी मिलना मुश्किल हो गया है। इस अवसर पर समाजसेवी डॉ. एल. के. देशभरतार को महात्मा रविदास शिक्षा मिशन द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया । इस अवसर पर रविदास शिक्षा मिशन के अध्यक्ष श्री रघुवीर अहिरवार को भारत का संविधान नामक पुस्तक व स्मृति चिन्ह देकर उनके द्वारा वर्षों से किये जा रहे संघर्ष की सराहना की गई।
कार्यक्रम के अध्यक्ष शिवनंदन डहेरिया ने कहा कि संत रविदास जी को राजरानी मीरा बाई ने अपना गुरू बनाया था क्योंकि वे उस समय के महान विद्वान थे। आज हमारे समाज को समानता और सम्मान पाने के लिये संत रविदास जी की शिक्षाओ को अपनाना होगा। इस कार्यक्रम को कमलेश परिहार, भारतलाल गेड़ाम, योगेन्द्र योगी, एम. एल. गडकरी, शिक्षक बछलिया, और छोटे लाल अहिरवार आदि वक्ताओं ने संबोधित  किया। कार्यक्रम के पूर्व दोपहर 12 बजे महात्मा रविदास शिक्षा मंदिर मंगलीपेठ में संत रविदास जी, तथागत गौतमबुद्ध और बाबा साहब डॉ अंबेडकर के छायाचित्र में पुष्पहार अर्पित कर उनका वंदन किया गया ततपश्चात विशाल शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें प्रदर्शित स्लोगनों को आम जनता ने बेहद पसंद किया। इनमें से एक महंगी शिक्षा महंगा ईलाज,पूरे देश में डाकूराज स्लोगन युक्त फलेक्स को देखकर जागरूक नागरूक नागरिको के चर्चा होती रही। कार्यक्रम का मंच संचालन रघुवीर अहिरवार ने और आभार प्रदर्शन एडव्होकेट डी आर बाघमारे ने किया।

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