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कांग्रेस सरकार में पुलिस हो गई असंवेदनशील,बच्चियों के साथ हो रही घटनायें

कांग्रेस सरकार में पुलिस हो गई असंवेदनशील,बच्चियों के साथ हो रही घटनायें

बच्चियों के अपराध पर पुलिस नहीं बरत रही गंभीरता

सिवनी। गोंडवाना समय। 
भाजपा सरकार के राज में महिलाओं में होने वाले अत्याचारों पर हंगामा करने वाली और भाजपा सरकार को कोसनी वाली कांग्रेस सरकार के राज में सिवनी जिले का पुलिस महकमा और उसकी कानून व्यवस्था बेलगाम हो गई है। बच्चियों के अपराधों पर संवेदनशीलता और गंभीरता बरतने की बजाय आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। दबाव बनाए बिना पुलिस सीधे तौर पर बच्चियों के मामले दर्ज नहीं कर रही है। इसके ताजा उदाहरण सिवनी जिले के थानों में सामने आ गए हैं। डूंडासिवनी थाना क्षेत्र में अपहरण के मामले में जहां पीड़ितों के खूले बयान के बावजूद पुलिस चार में से सिर्फ  दो आरोपी बताकर दो आरोपियों को बचा रही है। वहीं घंसौर पुलिस छेड़खानी के आरोपी को पकड़ने की बजाय समझौते की पहल कर अपराध को बढ़ावा दे रही है। वहीं बंडोल थाने में भी दबाव के बाद अपराध दर्ज किया जाना साफतौर पर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर रहा है।

चार बच्चियों के अपहरण में दो आरोपी उठ रहे सवाल-

भाजपा शासन काल के पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक गौरीशंकर बिसेन के करीबी भाजपा नेता राधेश्याम देशमुख के वाहन एमपी 22 टी 0854 में डूंडासिवनी थाना क्षेत्र के मोतीनाला के पास से चार स्कूली छात्राओं का दिन दहाड़े अपहरण कर नागपुर रोड की ओर सुनसान में ले गए और उनके साथ ज्यादती का प्रयास कर रहे थे। छात्राओं ने  जब विरोध किया तो अपहरणकर्ता आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी देकर डराया-धमकाया और उन्हें छोड़ दिया। मामला जब थाने पहुंचा तो अपहृत बालिकाओं ने चार युवाओं द्वारा अपहरण करने की बात बताई लेकिन पुलिस पीड़ितों की बात को साफ झुठलाते हुए सिर्फ दो आरोपी बता रही है। पुलिस के अनुसार उन आरोपितों का नाम गणेश वंशकार निवासी कुंडला थाना केवलारी हाल मुकाम  महावीर व्यायाम शाला बरघाट  रोड और जितेन्द्र वंशकार बताए जा रहे हैं। अपहृत बच्चियां अगर सच बोल रही है तो फिर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं दो युवक कैसे चार बच्चियां का अपहण कर सकते हैं यह भी पुलिस पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। हालांकि दिन दहाड़े हुए अपहरण की हकीकीत को शहर के कैमरे खोल सकते हैं अगर पुलिस उन्हें खंगाले तो।इस संबंध में एएसपी गोपाल खांडेलकर का साफ कहना है कि अपहरण में सिर्फ दो आरोपी हैं। बच्चियां झूठ बोल रही है और राजनीति करते हुए कोई उन्हें भड़का रहा है।

पहले भगा दिया फिर दबाव पड़ा तो लिखी रिपोर्ट-

बंडोल थाना क्षेत्र अंतर्गत थांवरी गांव की एक नाबालिग आदिवासी बालिका के अपहरण के मामले में भी बंडोल पुलिस ने दबाव के बाद अपहरण का मामला दर्ज कर लिया है। सूत्र बताते हैं कि 23-24 फरवरी की दरमियान रात तीन बजे आदिवासी युवती को अंशुल राय नामक युवक शादी का प्रलोभन देकर भगा ले गया था। युवती के पिता अपनी बेटी के लापता होने की शिकायत लेकर 24 फरवरी को थाने पहुंचा था जिसकी रिपोर्ट लिखने की बजाय बंडोल थाने की पुलिस ने उसे भाग दिया था। बताया जाता है कि जब पुलिस पर दबाव पड़ा तो 25 फरवरी को पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ अपहरण सहित विभिन्न धराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया। बंडोल थाना प्रभारी का कहना था कि पीड़िता के पिता को भगाया नहीं था बल्कि उसे आधारकार्ड और उसकी उम्र का प्रमाण पत्र लाने के लिए कहा था। पुलिस के अनुसार अंशुल राय निवासी कुरई अपने मामा प्रकाश सूर्यवंशी के यहां एक साल से रह रहा था और उसी बीच आदिवासी युवती से उसके मेलजोल बढ़ गए और शादी का प्रलोभन देकर उसको भगा ले गया था। जब अंशुल राय का मामा उसकी तलाश में जुटा तो वे सिवनी में मिले। युवती 25 फरवरी की शाम अपने गांव लौट गई। पुलिस ने युवती और उसके पिता की शिकायत पर आरोपी अंशुल राय के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है।

राजीनामा का दबाव बना रहा आरोपी-

घंसौर थाना क्षेत्र अंतर्गत 9 फरवरी को कहानी मुख्यालय में घटित छेड़खानी का अपराध डेढ़ बजे रात को दर्ज होने के बाद आरोपी दिनेश मिश्रा पुलिस से बचने के लिए फरार हो गया था। अब वहीं आरोपी दिनेश मिश्रा पीड़ित परिवार पर राजीनामा का दबाव बना रहा है। इसकी जानकारी घंसौर थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिस स्टाप को भी है। गत रात आरोपी एक निजी वाहन से रात में पीड़िता के घर पहुंचने था लेकिन पुलिस उस आरोपी को नहीं पकड़ पाई जिसकी चर्चाऐं क्षेत्र में जोरों पर है।

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