लीज से हटकर सरकारी जमीन पर रामस्वरूप ने क्रेशर के लिए निकाले पत्थर
बलारपुर और बीसापुर के बीच है संचालित
सिवनी। गोंडवाना समय।
जिले में खनिज और रेत माफियाओं ने मिलकर नदी और सरकारी जमीन को खोखली कर मौत की खाई बना दिया है। कलेक्टर कार्यालय खनिज विभाग के आरपी कमलेश और उनके अमले की सांठगांठ से जिले में अवैध उत्खनन का यह खेल जमकर और धड़ल्ले से चल रहा है। लाखों-करोड़ों का पत्थर ऐसे ही खनिज माफिया शासन को चुना लगाकर पार कर रहे हैं। सरकार के राजस्व को चपत लग रही है और खनन माफिया मालामाल हो रहे हैं। ऐसे ही मुख्यालय से महज 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बलारपुर-बीसापुर गांव के बीच स्थित क्रेशर में देखा गया है। जहां ग्रामीणों की मानें तो रामस्वरूप राय क्रेशर संचालक ने लीज से हटकर स्थित सरकारी जमीन से भी पत्थर निकालकर खोखला कर दिया है। हालांकि क्रेशर संचालक रामस्वरूप राय सरकारी जमीन से पत्थर निकालने से साफ इंकार कर रहे हैं उनका कहना है कि उन्होंने जो लीज में लिया है वहीं से पत्थर निकाला है।
जहां देखों वहां से निकाले गए पत्थर
विभागीय सूत्रों के अनुसार रामस्वरूप राय की क्रेशर के पत्थर के लिए चार हैक्टेयर में लीज ली गई है लेकिन ग्रामीणों अनुसार उससे ज्यादा जगह से पत्थर निकाला गया है। क्रेशर के आसपास बनी गड्ढे खुद ब खुद बयां कर रहे हैं। हालांकि ग्रामीणों की बात सहीं है या नहीं यह तो विभागीय जांच के बाद ही पता चल पाएगा।
क्रेशर को लेकर ग्रामीणों व किसानों ने लगाई थी आपत्ति
जानकारी के मुताबिक बीसापुर और बलारपुर गांव के ग्रामीणों ने रामस्वरूप राय की बीसापुर और बलापुर के बीच संचालित क्रेशर की लीज पर आपत्ति लगाई थी। उन्होंने क्रेशर की डस्ट से बर्बाद हो रही फसल को लेकर सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की थी। बताया जाता है कि रामस्वरूप राय ने शिकायकर्ताओं को पैसे देकर मैनेज करने के बाद दस साल के लिए फिर नई लीज ले ली है और अब पुरानी क्रेशर की जगह में नई और बड़ी क्रेशर लगा रहे हैं।
बलारपुर गांव की सड़क तक कर दी बर्बाद
ग्रामीणों की माने तो रामस्वरूप राय के डम्परों की आवाजाही से बलारपुर गांव की एक सड़क भी बर्बाद हो गई है जिसको लेकर पंचायत ने भी आपत्ति जताई थी लेकिन सड़क विकास के लिए एक लाख रुपए दिए जाने के बाद पंचायत ने भी अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया है।
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