किसान के सिर पर शादी-विवाह,अटका पड़ा धान का भुगतान
कर्जमाफी में जुटी कांग्रेस सरकार किसानों को समय पर नहीं दे पा रही धान का पैसा
सिवनी। गोंडवाना समय।
अपने बेटा-बेटी के हाथ पीले करने का सपना संजोऐ बैठे किसान को कांग्रेस सरकार और उनके अफसर रूलाने लगे हैं। किसान के सिर पर शादी-विवाह है और समर्थन मूल्य पर सरकार को बेची गई धान का पैसा अभी तक उनके खाते में नहीं पहुंचा है। जिला प्रशासन ने भी जनसम्पर्क के माध्यम से तीन दिन में पूरा पैसा किसानों के खाते में पहुंच जाने का वादा किया था,लेकिन प्रशासन के वे दावे भी कोरे साबित हो रहे हैं। किसानों की बात करने वाली कांग्रेस सरकार कर्जमाफी का ही झुनझुना बजा रही है। जब किसानों के पास उनकी मेहनत का पैसा समय पर सरकार नहीं दे पा रही है तो फिर कर्जमाफी का पैसा कब उनके खाते में आएगा यह कहा नहीं जा सकता है।
35 हजार किसानों से खरीदी,साढ़े 17 हजार किसानों का भुगतान
नागरिक आपूर्ति विभाग से मिली जानकारी अनुसार जिले में इस बार सरकार के समर्थन मूल्य पर 81 केन्द्रों में धान कीखरीदी की गई थी। जिसमें 25 फरवरी तक जिले के 35 हजार किसानों से धान खरीदी की गई है। जिसमें नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधका दिलीप सक्सेना जिले के आधे किसान यानी साढ़े सत्रह हाजर किसानों का भुगतान होने का दावा कर रहे हैं। वहीं उतने ही किसानों का भुगतान अभी अटका पड़ा हुआ है। जबकि 15 हजार टन धान अभी समिति केन्द्र में ही परिवहन के लिए पड़ी हुई है जो कब वेयर हाउस में पहुंचेगी और कब भोपाल से उनके खाते में भुगतान आएगा यह कहा नहीं जा सकता है।
190 करोड़ से ज्यादा किसान को भुगतान का दावा
17 हजार से अधिक किसानों को धान का भुगतान हो चुका है जिसकी राशि नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक दिलीप सक्सेना 190 करोड़ रुपए से ज्यादा बता रहे हैं। उनका तो यह भी दावा है कि जिन किसानों का भुगतान अटका है उनके लिए हर दिन 10 से 15 करोड़ रुपए आ रहे हैं। वहीं प्रशासन द्वारा जारी की गई विज्ञाप्ति की भी पोल खुलकर रह गई है। प्रशासन ने जनसम्पर्क के माध्यम से तीन दिन में सभी किसानों के खातों में पैसा आने का दावा किया था लेकिन अभी तक हजारों किसानों के खाते धान की राशि का इंतजार कर रहे हैं। दर्जन से ज्यादा किसान ऐसे जिनके घर में बेटा-बेटियों की शादी सिर पर है। वहीं सूत्रों की मानें तो फरवरी माह में जिन किसानों के यहां शादी थी उन्हें परिजनों व दूसरों से उधार लेना पड़ा है।
कर्जमाफी में कांग्रेस सरकार,भाजपा भी नहीं ले रही सुध
वक्त है बदलाव के साथ किसानों की कर्जमाफी के नाम पर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार समर्थन मूल्य पर बेची गई धान की राशि समय पर उनके खाते में भेजने की बजाय कर्जमाफी पर ही जुटी हुई है। वहीं किसान पुत्र शिवराज और किसानों की हितैशी बताने वाली भाजपा क्यों किसानों के भुगतान में हो रही देरी को लेकर विपक्ष की भूमिका निभाते हुए कांग्रेस सरकार के खिलाफ आंदोलन क्यों नहीं कर रही है,क्यों भुगतान जल्द कराने के लिए दबाव नहीं बना पा रही है यह सवाल खड़ा हो रहा है।