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दिन-रात शिक्षा की अलख जगा रहा आदिवासी शिक्षक

दिन-रात शिक्षा की अलख जगा रहा आदिवासी शिक्षक

रात को चौपाल में ग्रामीणों को पढ़ाते है शिक्षक राजेश परते 

कलेक्टर ने सहायक अध्यापक राजेश परते का शाल श्रीफल से किया सम्मान

सिवनी। गोंडवाना समय। 
जिले में एक तरफ कई शिक्षक सरकार से पैसा लेकर भी बच्चों को पढ़ाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। स्कूल से गायब रहते हैं। वहीं आदिवासी विकासखण्ड छपारा के प्राथमिक शाला माहुलपानी का आदिवासी शिक्षक राजेश परते दिन-रात शिक्षा की अलख जगाकर मिशाल बन गया है।  शिक्षक दिन में बच्चों को पढ़ा रहा है और रात में चौपाल लगाकर ग्रामीणों को शिक्षित कर रहा है। जिसकी बेतहाशा तारीफ करते हुए संवेदनशील कलेक्टर प्रवीण अढ़ायच द्वारा शाल श्रीफल देकर सम्मानित किया गया है।

प्रदेश के शिक्षकों के लिए मिशाल शिक्षक राजेश परते

एक शिक्षक का विद्यार्थी के जीवन में महात्वपूर्ण स्थान होता है। जो अपने ज्ञान, धैर्य, प्यार और देखभाल से उसके सम्पूर्ण जीवन को मजबूत आकार देता है। इसी कारण शिक्षक को समाज का निमार्ता भी कहा जाता है। ऐसे ही सिवनी जिले के विकासखण्ड छपारा के प्राथमिक शाला माहुलपानी के सहायक शिक्षक राजेश परते जिले ही नहीं अपितु सम्पूर्ण प्रदेश के शिक्षकों के लिये मिसाल बनकर उभरे हैं। जिन्होंने छोटे से ग्राम के बच्चों को स्कूली किताबों केअलावा देश-विदेश की महत्वपूर्ण जानकारी कंठस्थ याद करा दिया है।  वे दिन में बच्चों को अध्यापन कार्य कराकर उनका बेहतर भविष्य तैयार कर रहे हैं। वहीं रात में चौपाल लगाकर  बच्चों के परिजनों के साथ-साथ निशुल्क रूप से बिना किसी स्वार्थ के ग्रामीणों को भी साक्षर करने का अनूठा काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि वह ग्राम के गरीब परिवारों से आने वाले बच्चों को काबिल इंसान बनाना चाहते है। ताकि उनके विद्यार्थी उच्च पद पर आसीन हो कर अपने ग्राम और देश का नाम रोशन कर सकें इसलिए वे उनके परिजनों को भी शिक्षा का महत्व बता रहे हैं। ताकि वे बच्चों को मजदूरी व खेती के कार्य में भेजने की बजाये स्कूल शिक्षा प्राप्त करने भेजें। इसी उद्देश्य के लिये वह प्रतिदिन समय निकाल कर ग्रामीणजनों को भी पढ़ाते हैं।

ग्रामीणों की बढ़ते जा रही संख्या

शिक्षक राजेश परते ने बताया कि  शुरूआत में 10-12 लोग ही पढ़ने के लिए आते थे। धीरे-धीरे संख्या बढकर 25 से 30 हो गई है। राजेश की इस पहल का लाभ ग्रामीणों को भी मिल रहा है। अब वह अंगूठा न लगाकर हस्ताक्षर कर रहे हैं। स्कूली बच्चों की अगर बात करें तो कक्षा पांचवी के प्रत्येक छात्र-छात्राओं को देश विदेश की महत्वपूर्ण जानकारी मुहजुबानी याद है। सहायक अध्यापक  राजेश परते की शासकीय सेवा में उत्कृष्ठ एवं नि:स्वार्थ भाव से अध्यापन कार्य के लिए 11 फरवरी को कलेक्टर श्री प्रवीण सिंह अढ़ायच द्वारा सहायक शिक्षक को शॉल श्रीफल तथा प्रमाणपत्र दे कर सम्मानित किया  साथ ही उन्होने श्री राजेश परते की इस पहल में हर संभव मदद करने की बात कही है ।

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