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पेसा एक्ट क्षेत्र बस्तर में खनिज माफिया नियमों उड़ा रहे नियमों की धज्जियां

पेसा एक्ट क्षेत्र बस्तर में खनिज माफिया नियमों उड़ा रहे नियमों की धज्जियां

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश को अंगूठा दिखा रहा खनिज व राजस्व विभाग

बस्तर से तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट
बस्तर। गोंडवाना समय।
एक तरफ छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जितने भी गौण खनिज है उसमें स्थानीय लोगों को अवसर देने की बात कह रहे है । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कह रहे है कि बड़े ठेकेदार ग्रुप बनाकर काम ले लेते हैं। बस्तर खनिज माफिया की ठेकेदारी बंद करा कर स्थानीय पढ़े लिखे लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने का वादा कर रहे है । वही दूसरी ओर बस्तर में ही पिपलावण्ड क्रेसर खदानों में पांचवी अनुसूचित क्षेत्र के नियम प्रावधान व ग्राम सभा कि प्रस्ताव के विरुद्ध खनिज माफिया व खनिज विभाग के अधिकारी जबरन उत्खनन कर रहे हैं । इस मामले को लेकर उस क्षेत्र के ग्रामीणों से खोज खबर लेने पर पता चला कि क्रेसर माफिया लोग बिना पीट पास के क्रेसर गाड़ियों में क्रेशर भरकर ले जा रहे हैं । जब इस बात की भनक ग्रामीण तक पता चली तो उन्होंने गाड़ियों को रोक कर पीट पास की मांग की तो उनके पास पीट पास नहीं पाया गया । इसी बात को लेकर गाड़ी के वाहन चालकों द्वारा अपनी धौंस दिखाते हुए उल्टे ग्रामीणों से ही अभद्रता कर अपशब्द का प्रयोग किया गया । जिसके कारण हाथापाई की स्थिति निर्मित हो गई वहीं अखबारों में चल रही खबरों के अनुसार ग्रामीणों को ही अवैध वसूली करने का आरोप मढ़ दिया गया है। जो कि यह प्रदर्शित करता है कि इस नियम विरुद्ध कार्य में बड़े गैंग का हाथ है जो मीडिया से लेकर अधिकारी कर्मचारी के साथ ही साथ पुलिस विभाग तक को अपने जेब में खरीद लिया है । जिसके कारण इस तरह की नियम के तहत कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग करने वाले ग्रामीणों को उल्टे वसूली करने वाला बताकर एफआईआर दर्ज कर उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की गई ।

सी एम के निर्देशों की धज्ज्यिा उड़ा खनिज व राजस्व विभाग

आप को बता दे कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पांचवी अनुसूची पेशा कानून का कड़ाई से पालन करने की बात अधिकारी कर्मचारियों को निर्देश दे रहे हैं और दूसरी तरफ खनिज विभाग,राजस्व विभाग के अधिकारी व खनिज माफिया मिलकर नियमों को ताक में रखकर उल्टे ग्रामीणों के साथ मारपीट करके राजस्व कर राजस्व चूना लगा रहे। कृषको को लेकर उस क्षेत्र के 10 से 15 गांव के ग्राम सभाओं द्वारा प्रस्ताव जिला प्रशासन खनिज विभाग को दिया जा चुका है परंतु जिला प्रशासन द्वारा ग्राम सभा की प्रस्ताव का पालन नहीं किया जा रहा है । जिसके कारण ग्रामीणों का सरकारी व्यवस्था पर मोहभंग हो रहा है । यही स्थिति बस्तर संभाग के अधिकांश खनिज खदानों पर हो रही है। जिसके कारण बस्तरिया मून समाज में आक्रोश व्याप्त है दूसरी तरफ पांचवी अनुसूचित क्षेत्र के संविधान पेशा कानून का खुलम खुला उल्लंघन है

आदिम जाति सहकारी समिति बनाकर रोजगार चाहते है ग्रामीण

ग्राम सभा द्वारा इन क्रेशर खदानों को संचालित करने के लिए गांव के बेरोजगार युवाओं की आदिम जाति सहकारी समिति बनाकर उसके माध्यम से उत्खनन कर उससे प्राप्त आय का गांव के हित में उपयोग कर गांव के शिक्षा स्वास्थ्य एवं मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए साथ ही साथ बेरोजगारी युवाओं की रोजगार उपलब्ध कराने के मकसद से प्रस्ताव पारित किया गया है और बस्तर जैसे क्षेत्र में स्थानी बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए यह प्रावधान पांचवी अनुसूची संविधान पेशा कानून में स्पष्ट रूप से भारत का संसद द्वारा कानून बनाया गया है परंतु इन कानूनों का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन प्रशासन व खनिज माफिया कर रहे हैं ।

भूमकाल दिवस पर कर सकते है विरोध प्रदर्शन

वही इस मामले को लेकर सर्व आदिवासी समाज के युवा प्रभाग से गोवर्धन कश्यप कहते है कि समाचार पत्रों में छपी खबरों के आधार पर बस्तर तहसील के अंतर्गत पीपलावण्ड क्षेत्र में चलित क्रेशर खदानों में भू माफियाओं का हाथ होने की संभावना है । गौण खनिज उत्खनन में भू माफिया द्वारा अनुसूची पांच, पेसा एक्ट को ताक में रखकर राजस्व को चट कर रहे हैं । इसका सर्व आदिवासी समाज बस्तर जिला पुरजोर विरोध करता है और कलेक्टर से मांग करता है कि वहां की क्रेसर खदानों को तत्काल बंद कर ग्राम सभा से विधिक रुप से सहमति प्रस्ताव लिया जाए । उसके बाद ही क्रेशर प्रारंभ की जाए, इस पर तत्काल रोक लगाई जाए अन्यथा सर्व आदिवासी समाज खनिज माफियाओं के विरुद्ध भूमकाल दिवस 10 फरवरी के बाद वृहद जन आंदोलन छेड़ कर सभी क्रेशर खदानों को ग्राम सभाओं के अधीन कर स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाने हेतु जन आंदोलन करेगी।

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