बीएसएनएल आफिस के अधिकारी कर्मचारी हड़ताल पर, कामकाज ठप
सिवनी। गोंडवाना समय।बीएसएनएल के लगभग एक लाख 75 हजार कर्मचारी अधिकारी लंबे समय से सरकार की कापोर्रेट परस्त व कर्मचारी विरोध, पीएसयू विरोधी व जनविरोधी नीतियों का विरोध करते हुए अपनी जायज मांगों के निराकरण के लिए बीएसएनएल मैनेजमेंट व सरकार के खिलाफ संघर्षरत हैं। अपनी विभिन्न् मांगों को लेकर अधिकारी, कर्मचारी सोमवार से तीन दिन की हड़ताल पर चले गए हैं। इसके चलते कामकाज ठप हो गया है। हड़ताल में बैठे अधिकारी, कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न् मांगों के विषय में बताया कि 15 प्रतिशत फिटमेंट के साथ थर्ड पे रिवीजन का निराकरण, बीएसएनएल मैनेजमेंट द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव अनुसार बीएसएनएल को फोरजी स्पेक्ट्रम का आवंटन, संचार राज्य मंत्री द्वारा पेंशन रिवीजन को पे रिवीजन से पृथक करनेकके आश्वासन का क्रियान्वयन किया जाए। एक जनवरी 17 से बीएसएनएल रिटायरिज का पेंशन रिवीजन किया जाए। गवर्नमेंट के नियमानुसार बीएसएनएल द्वारा पेंशन कांट्रिब्यूशन का भुगतान किया जाए। सेकेंड पे रिवीजन कमेटी के शेष मुद्दों का निराकरण किया जाए। बीएसएनएल की भूमि प्रबंधन नीति का बगैर दौरा किए शीघ्र अनुमोदन किया जाए। स्थापना के समय गु्रप आफ मिनिस्टर्स द्वारा लिए गए निर्णयानुसार बीएसएनएल की वित्तीय जीवंतता सुनिश्चित किया जाए। बीएसएनएल के बैंक से ऋण लेने के लिए प्रस्ताव के लिए लेटर आफ कम्फर्ट जारी किया जाए। बीएसएनएल बोर्ड आफ डायरेक्टर्स के सभी रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति की जाए। बीएसएनएल के मोबाइल टावर्स का आउटसोर्सिंग के माध्यम से संचालन व रखरखाव का प्रस्ताव रद्द किया जाए सहित अनेक मांगों को लेकर बीएसएनएल अधिकारियों, कर्मचारियों ने कार्यालय परिसर में जमकर नारेबाजी की। कर्मचारी संगठन ने बताया कि चुनाव की घोषणा होते ही उनकी मांगं अधर में लटकना तय है। बीएसएनएल इस बार आरपार की लड़ाई के मूड में है।
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