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पौधों को पानी नहीं पिला पा रहा लोक निर्माण विभाग और फोरलेन कम्पनी

पौधों को पानी नहीं पिला पा रहा लोक निर्माण विभाग और फोरलेन कम्पनी

अधिकांश पौधे सूखकर बन गए टहनी

सिवनी। गोंडवाना समय।
हरे-भरे पेड़ों की बलि चढ़ाकर सड़क बनाने वाला लोकनिर्माण विभाग और फोरलेन कम्पनी सड़क किनारे लगाए गए पौधों को पानी नहीं पिला पा रहा है। बारिश में ये पौधे पानी मिलने की वजह से भले ही हरे-भरे दिखाई दे रहे थे लेकिन अब पानी न मिलने की वजह से सूखकर टहनी बन गए है। सूखे पौधों की यह तस्वीर जमुनिया-नंदौरा के पास और लूघरवाड़ा से बींझावाड़ा सड़क पर अलग ही दिखाई दे रहे हैं। पौधों की सुरक्षा और देखभाल को लेकर की गई लापरवाही ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

80 प्रतिशत पेड़ सूखे आ रहे नजर

नागपुर रोड की ओर एक सड़क कम्पनी द्वारा फोरलेन के दोनों और हजारों की संख्या में पौधे लगाए थे। लगाने के बाद जब तक उन पौधों में पानी मिलते गया और उनकी देखरेख होती रही तब तक वे पौधे हरे-भरे नजर आते रहे लेकिन सड़क कम्पनी द्वारा कई दिनों से उन पौधों की सुध नहीं लिए से आधे से ज्यादा सूखकर टहनी बन गए हैं। वहीं कुछेक पौधे सूखने के कगार में है। सबसे खास बात तो यह है कि पौधों की सुरक्षा के लिए सड़क निर्माण कम्पनी ने कोई फैसिंग तक नहीं लगाई है।
ऐसे में पौधे कैसे सुरक्षित रहेगा यह सवाल खड़ा हो रहा है। यह हम नहीं बल्कि गोंडवाना समय द्वारा बुधवार की दोपहर ली गई तस्वीर खुद ब खुद बयां कर रही है। हम यदि फोरलेन के दोनों किनारों पर गौर फरमाऐं तो 80 प्रतिशत के लगभग पौधे सूखे नजर आएंगे। जो न तो सड़क निर्माण कम्पनी को नजर आ रहे हैं और न ही एनएएचआई के अधिकारी-कर्मचारियों को नजर आ रहे हैं।

लोक निर्माण विभाग भी भूल गया पौधों में पानी डालना

लूघरवाड़ा से बींझावाड़ा तक तकरीबन सवा किलोमीटर में लोकनिर्माण विभाग ने मॉडल सड़क के दोनों तरफ पौधे लगाए हैं लेकिन उन पौधों की सुध नही ले रहा है। कई दिनों से पौधों की प्यास न बुझने के कारण पौधे मरने लगे हैं। यहां भी फोरलेन की तरह आधे से ज्यादा पौधे मर चुके हैं। जबकि सूत्र बताते हैं कि पौधों की टैंकर से सिंचाई के नाम पर फर्जी बिल लगाकर निकाले जा रहे हैंं। लोकनिर्माण विभाग के ईई पीके लखेरा के संरक्षण में यह खेल चल रहा है।

...और पौधे नहीं लगाए

भाजपा शासन काल में प्रदेश में पौधे लगाकर वर्ल्ड रिकार्ड करने के दौरान लोकनिर्माण विभाग ने जबलपुर रोड ज्यारतनाका की पुलिया से लेकर भाटिया ढाबा तक पौधे लगाने के लिए गड्ढे किए थे लेकिन पौधे नहीं लगाए गए। गड्ढे खुदाई के नाम पर सरकारी पैसा खर्च कर दिया गया।  लोकनिर्माण विभाग के ईई केपी लखेरा का कहना है कि चंदा करके पौधे खरीदकर लगाए गए हैं और उनके देखरेख के लिए कोई बजट नहीं है। गांव वालों की जिम्मेदारी है कि वे पौधों  पर पानी डाले। हमने लगा दिया है।अब सूख जाए चाहे बर्बाद हो जाए इसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं है।

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