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शिक्षा विभाग के संगठनों के कार्यक्रमों पर लगे विराम

शिक्षा विभाग के संगठनों के कार्यक्रमों पर लगे विराम

विद्यार्थियों के हित में प्रशासन ले संज्ञान

सिवनी। गोंडवाना समय।
मध्य प्रदेश में परीक्षाओं का दौर चल रहा है और विद्यार्थी विधान चुनाव के कारण प्रभावित हुए पाठ्यक्रम के कारण परीक्षा को लेकर चिंतित है हालांकि प्रशासन ने परीक्षा को लेकर तनाव न लेने की अपील भी किया है । स्कूलों में पढ़ाने वाले विशेषकर सरकारी स्कूलों के शिक्षक जो कि अपने अपने विभिन्न संगठनों के माध्यम से संगठनों का दायित्व निभा रहे है यह उनके हक अधिकारों के लिये संगठनों की गतिविधियां भी अनिवार्य है लेकिन विद्यार्थियों की परीक्षा के समय संगठन के विभिन्न कार्यक्रमों में भाग ले रहे सम्माननीय शिक्षक जो संगठन के प्रमुख पदाधिकारी व सदस्य है इन्हें विराम देने की आवश्यकता है और यह विद्यार्थियों के हित में प्रार्थनीय है । हम गौर करें तो शिक्षा विभाग में ही अनेकों अलग अलग संगठन बने हुये है जो आपस में ही प्रतिस्पर्धा करते हुए अपने आप को शिक्षा विभाग से जुड़े कर्मचारियों के हक अधिकारों को दिलाने के लिये श्रेय लेने के लिये अपने आपको श्रेष्ठ सिद्ध करने की प्रतियोगिता करते है । संगठन के कार्यक्रमों को दिन-ब-दिन घोषित करते जा रहे हैं संभवतय: विद्यार्थियों परीक्षा परिणाम से कोई सरोकार नहीं है । शिक्षण सत्र के दौरान शिक्षा विभाग से जुड़े हुये विभिन्न संगठनों ने अपने हक अधिकार को लेकर संगठन के तहत संभवत: प्रतिमाह कुछ न कुछ आंदोलन, ज्ञापन, रैली, प्रदर्शन भी किया और विद्यार्थियों की परीक्षा के दौर में भी इनके कार्यक्रम जारी है । सबसे बड़ी बात तो यह है कि शासन प्रशासन भी इनकी द्वारा संगठन के तहत हक अधिकारों को लेकर किये जाने कार्यक्रमों के लिये अनुमति भी देता है । आमसभा स्थल में कार्यक्रम के दौरान ध्वनी विस्तारक यंत्र का भी प्रयोग करते है इसके साथ ही प्रशासनिक गलियारों में ज्ञापन सौंपते हुये नजर आते है । शिक्षा विभाग से संबंधित सबसे ज्यादा संगठन बने हुये जैसे कि राज्य अध्यापक संघ, शासकीय अध्यापक संघ,संविदा शिक्षक संघ, पुरानी पेंशन बहाली संघ, कर्मचारी संघ सहायक अध्यापक संघ, शासकीय अध्यापक संघ, आजाद अध्यापक संघ आदि अन्य ढेर सारे संघ बने हुए हैं । जिनमें यह अध्यापक आपस में ही बटे हुए हैं हालांकि संगठन के पदाधिकारियों के राजनैतिक व प्रशासनिक संबंध मधुर रहते है। वहीं अभिभावक भी यह मानते है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों शैक्षणिक कार्यों को देखते हुये शासन प्रशासन को कम से कम परीक्षा के कुछ समय पहले शिक्षा विभाग से जुड़े संगठनों के कार्यक्रमों को अवकाश के दिन को छोड़कर अनुमति नहीं दिया जाना चाहिये ताकि बच्चों के परीक्षा परिणाम विद्यार्थियों के अनुकूल आये ।

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