Wednesday, February 6, 2019

शिकार से पहले पकड़ाए शिकारी,तालाब में फैलाए थे करंट

शिकार से पहले पकड़ाए शिकारी,तालाब में फैलाए थे करंट

सिमरिया तालाब के चारों तरफ लगाया था जीआईतार

सिवनी। गोंडवाना समय। 
पेंच नेशनल पार्क के विजयपानी वृत्त के वन अमले ने वन्यप्राणी के शिकार से पहले करंट का जाल बिछाने वाले तीन शिकारी को दबोचा है। उनके पास वन विभाग की टीम ने लकड़ी की खूंटी,बांस और दो किलोग्राम जीआईतार,एक टार्च जब्त की है। दो शिकारी को वन विभाग ने मौके पर पकड़ा और एक को मंगलवार को पकड़ा है जो बीती रात फरार हो गया था।

सिमरिया तालाब में बनाई थी शिकार की योजना

पेंच नेशनल पार्क के फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि 4 फरवरी की रात मुखबिर से सूचना मिली कि सिमरिया तालाब के पास वन्यप्राणी के शिकार के लिए बिजली के तार लगाए गए हैं। सूचना मिलते ही विजयपानी वृत्त के स्टाफ मौके पर पहुंचा और सिमरिया तालाब के पास चारों तरफ बांस की खूंटी और जीआईतार का जाल था जो कि सागर,सिमरिया,विजयपानी विद्युत लाइन से लगा हुआ था। वन अमले ने तत्काल ग्वारी विद्युत लाइन के सब स्टेशन प्रभारी से फोन पर सूचना देकर विद्युत लाइन बंद कराई एवं उस स्थल को निगरानी में रख आरोपियों को पकड़ने  के  लिए घात लगाकर बैठ गए। बताया जाता है कि दे रात तीन व्यक्ति तालाब के पास नजर आए। जैसे ही वन विभाग की टीम ने दबिश दी तो दो व्यक्ति पकड़ में आ गए और एक फरार हो गया। जिसे सिमरिया गांव से दबोच लिया गया। पकड़े गए आरोपितों में अशोक वल्द सुरेशी धुर्वे, सेवलाल वल्द वाजूलाल कुमरे, रामगोपाल वल्द दौलत धुर्वे निवासी सिमरिया थाना कुरई बताए जा रहे हैं। फिल्ड डायरेक्टर पेंच ने बताया कि पकड़े गए लोगों  ने पूछताछ में अवैध शिकार के लिए जंगल में 350 मीटर तार बिछाना स्वीकार किया है। वन विभाग की टीम को घटना स्थल से बांस 01 नग, खूंटिया 27 नग, जीआई तार 2 किलो ग्राम, टार्च 01 नग जप्त कर मुल्जिमों के विरूद्ध वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9 एवं 52 के अंतर्गत वन अपराध प्रकरण क्रमांक 39019 दर्ज किया गया। कार्यवाही परिक्षेत्राधिकारी घाटकोहका गौतम प्रसाद सोनी के मार्गदर्शन में सतीराम उइके परिक्षेत्र सहायक विजयपानी, वनरक्षक पवित्र हरदहा, वनरक्षक
पंकज  चौधरी,श्रमिक मुकेश बघेल, भुवन मर्सकोले,जगत मर्सकोले, दुर्गेश नवरेती एवं चंदर कुमरे द्वारा सरहानीय कार्य किया गया।

..तो गवांनी पड़ती वन्यप्राणी की जान-

शिकार से पहले ही शिकारी को पकड़कर भले ही पेंच प्रबंधन वाहवाही ले रहा है लेकिन पेंच का भारी-भरकम अमला होने और सतत गस्त होने का दावा करने के बावजूद कैसे सिमरिया तालाब में शिकारियों ने करंट का जाल बिछा दिया यह सवाल खड़ा हो रहा है। शुक्र है कि मुखबिर ने सूचना दे दी और उस बीच कोई भी वन्यप्राणी तालाब के पास नहीं गया अन्यथा वन्यप्राणी की करंट से मौत हो सकती थी और फिर पेंच की टीम को हाथ मलना पड़ता।

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