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मोटर सायकल से सब्जी लेने पहुँचे मंत्री ओमकार मरकाम

मोटर सायकल से सब्जी लेने पहुँचे मंत्री ओमकार मरकाम

डिंडौरी। गोंडवाना समय। 
हाथों में थैला लेकर मोटर साईकिल से घर निकले मंत्री ओमकार को जब लोगों ने देखा तो एक बार वह अचंभित रह गये क्योंकि अब वे मध्य प्रदेश सरकार के कैबीनेट मंत्री है तो देखने वालों को पहले विश्वास नहीं हो रहा था परंतु जब उन्होंने गौर से देखा तो मोटर साईकिल में सवार मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ही थे । मंत्री बनने के बाद भी सादगी की तरह और फिजुल खर्च को रोकने के लिये कार्य कर रहे है । हम आपको बता दे कि राजधानी से लौटकर मंत्री ओमकार मरकाम अपने गृह जिला डिण्डोरी पहुंचे तो रविवार को वे घर के लिये सब्जी खरीदने मोटर साईकिल से पहुंच गये उन्होंने सब्जी भी खरीदा इसके साथ ही सब्जी मण्डी में व्याप्त समस्याओं के साथ साथ व्यापारियों को ही रही परेशानी को भी दूर करने के लिये कदम उठाया ।
रविवार के दिन जिला मुख्यालय डिंडौरी में मोटर सायकल से सब्जी मंडी पहुँचे और सब्जी व्यापारियों की समस्याएँ सुनी वहीं मंत्री ओमकार मरकाम मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री कमल नाथ के द्वारा फिजूलखर्ची पर अंकुश लगाने संबंधी आदेश का संदेश देने घर से मोटर सायकल से सब्जी मंडी पहुँचे। जहां पर मंत्री ओमकार मरकाम मंडी में व्यापारियों से रू-ब-रू हुये, उन्होंने व्यापारियों की माँग पर मंडी परिसर में शौचालय बनवाने के लिये नगर परिषद के अधिकारियों को निर्देशित भी किया। वहीं उन्होंने मंडी में वाहनों के प्रवेश से होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिये मंत्री ओमकार मरकाम ने मंडी में वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिये कहा।

छात्रावास व शहरी क्षेत्र में आदिवासियों की जान रहे समस्या 

कभी जबलपुर के छात्रावास में रहकर ही पढ़ने वाले जनजातिय मंत्री ओमकार मरकाम ने बीते दिनों ही आदिवासी बाहुल्य मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित छात्रावास का औचक निरीक्षण किया था । छात्रावास में जहां पर उन्हें गंदगी के साथ आ रही दुर्गंध के कारण मुंह व नाक बंद हाथ रखकर करना पड़ा था । इसके साथ ही छात्रावास में खतरनाक विद्युत युक्त बायरिंग फिटिंग पर भी सवाल खड़ा किया था । इतना ही नहीं मंत्री ओमकार मरकाम ने छात्रावास की एक-एक व्यवस्थाओं को टटोला था उन्होंने कंपकपाती ठण्ड में रहने को मजबूर छात्रों की समस्याओं को जानने के लिये वे स्वयं फटे हुये कंबल को छात्रावास में रह रहे बच्चे के साथ पलंग में लेटकर होढ़कर देखा था और छात्रावास की व्यवस्था संभाल रहे जिम्मेदारों को उन्होंने यह एहसास कराने का प्रयास किया था जो धनराशि सरकार छात्रावास के लिये व छात्रावास में रह रहे बच्चों की सुविधाओं के लिये उपलब्ध करा रही है उसका ईमानदारी से उपयोग किया जाये उसमें सेंधमारी या भ्रष्टाचार न किया जाये ।
इसके साथ ही बीते दिनों भोपाल शहर में ही आदिवासी क्षेत्र की समस्याओं को जानने के लिये वह खुद पैदल पैदल  घरों घर तक जाकर क्षेत्र के आदिवासियों से समस्याओं के संबंध में जाना था कि आखिर बस्ती विकास का पैसा कहां जा रहा है जब इन क्षेत्रों के हालात जस की तस है तो फिर जनजातिय विभाग और उनका मंत्रालय बस्ती विकास के लिये आने वाले बजट का कैसे खर्च कर रहा है यह जानने का प्रयास उन्होंने किया था । मंत्री ओमकार मरकाम के द्वारा जनजातिय मंत्रालय के तहत आने वाली योजनाओं का लाभ जनजाति वर्ग को दिलाने के लिये सूक्ष्मता के साथ धरातल की स्थिति जानने का प्रयास किया जा रहा है । अब देखना है कि जनजातिय मंत्रालय व संबंधित जिलों में काम कर रहे जनजाति कल्याण विकास विभाग के अधिकारी कर्मचारी मंत्री ओमकार मरकाम की मंशा को कितना समझ पाते है यह तो आने वाले समय में स्वत: स्पष्ट होने लगेगा ।

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