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जनजाति आयोग की उपाध्यक्षा की पहल पर अब ग्रामीण गोदामों के लिये मिलेगा अनुदान

जनजाति आयोग की उपाध्यक्षा की पहल पर अब ग्रामीण गोदामों के लिये मिलेगा अनुदान

जनजाति ही नहीं अनुसूचित जाति व अन्य वर्गों के किसानों को मिलेगा लाभ

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की राष्ट्रीय उपाध्यक्षा सुश्री अनुसुइया उईके की पहल पर भारत सरकार द्वारा सिर्फ जनजाति ही नहीं अनुसूचित जाति व अन्य वर्ग के किसानों के लिये महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है । अनाज के भण्डारण गोदाम के लिये पुन: अनुदान प्रारंभ की अनुमति केंद्र सरकार ने दिया है । इसके लिये जनजाति आयोग की उपाध्यक्षा सुश्री अनुसुइया उईके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह का आभार व्यक्त किया है वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री ने जनजाति आयोग की उपाध्यक्षा से यह भी अपेक्षा व्यक्त करते हुये कहा है कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के स्टेक होल्डरों के लिये अलग से बजट का प्रावधान है परंतु यह देखा गया कि इस योजना का लाभ लेने के लिये संरक्षित वर्ग के स्टेक होल्डरों की ओर से अपेक्षा कृत आवेदन प्राप्त नहीं होते है इसलिये केंद्र सरकार की उक्त योजना का लाभ लेने उन्हें प्रोत्साहित करें । 
छिंदवाड़ा। गोंडवाना समय।
सुश्री अनुसुईया उइके, उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, के प्रयासों से ग्रामीण गोदाम के लिये अनुदान पुन: प्रारंभ हुआ। विगत वर्षो में किसानों की ऊपज को खरीदी उपरांत व्यवस्थित भंडारण के लिये गोदाम निर्मित करने वाले व्यक्तियों को वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के मापदंडों के अनुसार गोदाम निर्मित करने पर नाबार्ड के माध्यम से अनुदान दिया जाता था जिसे कि स्थगित कर दिया गया था। गोदाम निर्मित कर उसमें शासकीय खरीदी का अनाज भंडारण करने से एक ओर किसानों को लाभ होता है तो वहीं दूसरी ओर आर्थिक रूप से कमजोर किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। इसके साथ ही सरकार भी सार्वजनिक आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित कर पाती है। गोदाम पर अनुदान योजना के बंद होने से नये गोदाम निर्माण होना बंद हो गये थे। यह समस्या जनजाति आयोग की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुश्री अनुसुइया उईके के संज्ञान में आने के पश्चात उन्होंने भारत सरकार के कृषि मंत्री राधामोहन सिंह को पत्र के माध्यम से दिनॉंक 17 अक्टूबर 2018 को ग्रामीण गोदाम निर्माण करने वाले जनजाति वर्ग के व्यक्तियों को अनुदान सुविधा पुन: प्रारंभ करने का अनुरोध करते हुए इसके लाभों से अवगत कराया गया था।
केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह द्वारा जनजाति आयोग की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुश्री अनुसुईया उइके को अपने पत्र दिनॉंक 24 जनवरी 2019 (प्रति संलग्न) के माध्यम से अवगत कराया गया है कि भारत सरकार कृषि मंत्रालय द्वारा अब उक्त योजना को पुन: नये स्वरूप में प्रारंभ कर दिया गया है । जिसमें अब अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के साथ ही साथ सामान्य वर्ग के व्यक्तियों को भी नवीन गोदाम निर्मित करने पर लाभार्थी की श्रेणी के आधार पर 25 प्रतिशत से 33.33 प्रतिशत तक अनुदान विपणन इंफ्रास्ट्रक्चर और भंडारण इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिये परियोजना की पूंजीगत लागत के आधार पर 14 वें वित्त आयोग की सह समाप्य अवधि के लिये अर्थात 31 मार्च 20 तक दी जावेगी। इसके साथ ही केंद्रीय कृषि मंत्री ने जनजाति आयोग की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ासुश्री अनुसुईया उइके से अनुरोध किया है कि इस योजना का पूर्णरूप से लाभ उठाने के लिये संबंधितों को प्रोत्साहित करें।

प्रधानमंत्री व कृषि मंत्री का व्यक्त किया आभार

राष्ट्रीय जनजाति आयोग की उपाध्यक्षा सुश्री अनुसुइया उइके द्वारा अनुदान योजना पुन: प्रारंभ करने के लिये देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह का सम्पूर्ण प्रदेश एवं देश के किसानों, जनजाति एवं अन्य नागरिकों की ओर से आभार व्यक्त किया है। उल्लेखित है कि भारत सरकार की कृषि विकास नीति एवं योजनाओं के कारण देश एवं प्रदेश में खाद्यान्न का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है। उत्पादन बढ़ने से देश आत्म निर्भर हो रहा है ओर किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलता है और वहीं दूसरी ओर शासकीय समर्थन मूल्य पर खरीदी व भंडारण की वजह से नागरिक आपूर्ति व्यवस्था भी सुचारू चलती है। इस कदम से किसानों की प्रगति में एक नया आयाम और जुड़ेगा।

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