चीतल के शिकार के आरोपी को 02 वर्ष का कारवास
सिवनी। गोंडवाना समय।चीतल का शिकार करने वाले शिकारी को दो वर्ष की कारावास की सजा सुनाई गई है। शिकार की यह घटना कान्हीवाड़ा वन परिक्षेत्र अंतर्गत मानेगांव की थी।मनोाज सैयाम ने बताया कि 19 अगस्त 2009 को वन विभाग कान्हीवाड़ा को को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि मानेगांव में कुछ लोगों ने चीतल को मार दिया है एवं उसका कुछ भाग लेकर ग्राम की ओर से जा रहे हैं। सूचना मिलने पर वन विभाग के कर्मचारियों एव अधिकारियों के द्वारा कार्यवाही करते हुए शिशुपाल पिता मंशा गोंड ,सुमतलाल पिता लक्ष्मण कहार , नंदकुमार पिता सुम्मी लुहार, तुलाराम पिता घनाराम ,छोटेलाल पिता बाबूलाल, सभी निवासी मानेगांव के पास से लाठी , रस्सी , कुल्हाड़ी एवं कपड़े में बंधी हुई दो पोटलियों में चीतल का कच्चा माँस को ले जाते हुए दबोचकर मांस जब्त कर लिया था। इस मामले में आरोपी सुमतलाल फरार हो गया था। शेष चार अभियुक्तगणों को पूर्व में ही न्यायालय द्वारा दोषी पाते हुए कारावास से दण्डित किया है। फरार आरोपी के विरुद्ध माननीय न्यायालय श्रीमती सुमन उइके ,अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ,सिवनी के यहाँ सुनवाई की गई। जिसमें शासन की ओर से श्रीमती उमा चौधरी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी के द्वारा गवाहों और सबूतों को पेश किया गया। जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी सुमतलाल को भी दोषी पाते हुये चीतल का शिकार करने के आरोप में 02- वर्ष के कारावास की सजा का सुनाई है।