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2 करोड़ 75 लाख में हुई बंदरबांट के बाद 1 करोड़ 25 लाख और पीएचई को देंगे

2 करोड़ 75 लाख में हुई बंदरबांट के बाद 1 करोड़ 25 लाख और पीएचई को देंगे

महिलाओ ने विधायक और अधिकारियों को सुनाई खरी-खोटी

छपारा नगर में पानी का मचा हाहाकार

छपारा। गोंडवाना समय। 
जनपद पंचायत सभाकक्ष में पेयजल समस्या को लेकर चल रही बैठक में बुधवार 6 मार्च को उस समय गहमागहमी का वातावरण बन गया जब नगर की सैकड़ों महिलाओं ने उपस्थित केवलारी विधायक सहित पंचायत के सरपंच सचिव और जिला पंचायत सदस्य सहित जनपद उपाध्यक्ष को नगर में दस बारह दिनों में एक बार नल आने और नगर में मची पानी की हाहाकार को लेकर आड़े हाथों लेते हुए खरी-खोटी सुनाई। हम आपको बता दे कि छपारा ग्राम पंचायत में 2 करोड़ 75 लाख रुपए की लागत से जल आवर्धन योजना में इंटक वेल फिल्टर प्लांट का निर्माण किया गया था जिसका लाभ छपारा वासियों को नहीं मिल पाया और अब यह बात सामने आई है कि 1 करोड़ 25 लाख रुपए और दिए जा रहे हैं । जबकि जानकारी होगी तकनीकि खामियों के चलते 2 करोड़ 75 लाख रुपए खर्च होने के बाद भी छपारा के लोग योजना से वंचित हैं । अब विधायक ने कमान संभाली है कि एक करोड़ 25 लाख रुपए और दिए जाएंगे अर्थात पूर्व के बजट में हुई बंदरबांट निरंतर जारी रहेगी इस बात की कोई गारंटी नहीं है । वहीं छपारा की जनता को सुचारू रूप से पेयजल मिल पाएगा यह नेता सिर्फ कोरी राजनीति ही करते रहेंगे । बुधवार 6 मार्च को छपारा जनपद पंचायत के सभागार कक्ष में केवलारी विधायक राकेश पाल के द्वारा छपारा नगर में पेयजल समस्या को लेकर एक बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक में छपारा तहसीलदार श्रीमती ज्योति ठोके,  छपारा जनपद पंचायत सीईओ श्रीमती शिवानी मिश्रा,  पीएचई विभाग के एसडीओ आलोक कुमार जैन तथा छपारा पंचायत की सरपंच पूनम सैयम और सचिव बालकराम उईके, उपसरपंच सुरजीत सिंह सहित जिला पंचायत सदस्य ठाकुर जयकेश सिंह और जनपद उपाध्यक्ष नीरज दुबे के साथ साथ नगर के गणमान्य नागरिकों सहित पत्रकार गण भी मौजूद थे।

छपारा में 10 दिनों में आ रहे नल

केवलारी विधायक राकेश पाल के द्वारा आयोजित इस बैठक का सिलसिला जैसे ही शुरू हुआ उसी दौरान नगर की सैकड़ों महिलाएं सभाकक्ष में जा पहुंची और विधायक सहित सरपंच सचिव और जिला पंचायत सदस्य तथा जनपद उपाध्यक्ष और विभागीय अधिकारियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई। आक्रोशित महिलाओं ने बताया कि नगर में 10 दिनों में एक बार नल आ रहे हैं और ऐसे में उनकी दिनचर्या भी प्रभावित होने के साथ-साथ उन्हें पानी के लिए यहां-वहां भटकना पड़ रहा है। महिलाओं ने यह भी बताया कि उन्होंने पानी समस्या को लेकर कई बार सीएम हेल्पलाइन 181 में भी शिकायत दर्ज करा चुकी हैं लेकिन आज तक पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है। ज्ञात हो कि दो-तीन दिन पूर्व नगर के कुछ वार्डों की सैकड़ों महिलाएं ग्राम पंचायत पहुंची थी और वहां पर भी पानी की समस्या को लेकर उन महिलाओं ने जमकर हंगामा मचाया था।

जिला प्रशासन के ऊपर उठ रही उंगलियां 

छपारा नगर में पेयजल संकट को लेकर नगर के पत्रकारों ने दिसंबर माह से ही अपने अपने समाचार पत्रों के माध्यम से जिला प्रशासन को आने वाले समय में भीषण पेयजल संकट की जानकारी से अवगत करा दिया था लेकिन 2 माह बीतने के बाद भी जिला प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठे तमाशा देख रहा है। जबकि अभी मार्च का महीना ही चल रहा है और गर्मी की शुरूआत भी नहीं हुई है ऐसे में आने वाले माह में छपारा नगर में पानी के लिए हाहाकार मचना तय है। क्या जिला प्रशासन आग लगने के बाद कुआं खोदने की तैयारी में जुटेगा यह सवाल भी नगर की जनता पूछ रही है।

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