शिक्षा माफियाओं पर कमलनाथ का कड़ा रूख
मान्यता रद्ध तो अनुदान रोकने की सिफारिश
फीस नहीं भरने पर खड़े होकर परीक्षा देने के लिए किया था मजूबर
भोपाल। गोंडवाना समय।मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमल नाथ ने शिक्षा माफियाओं के मनमानी पर नकेल कसने के लिये कड़ा रूख अपनाया है । शिक्षा के मंदिरों में शिक्षा माफियाओं की लूट को खुली छूट शिक्षा विभाग के अधिकारियों और जिला प्रशासन की अनदेखी के चलते मिलती है । शिक्षण संस्थान सरकार के द्वाना बनाये गये नियमों का तो खुला उल्लंघन करते है लेकिन स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों को आर्थिक रूप से बेहद प्रताड़ित करते है । निजी शिक्षण संस्थानों में शिक्षा माफिया खुली डकैती अभिभावकों की जेब में डालते है बच्चों का भविष्य खराब न हो इस मजबूरी में अभिभावक भी चुपचाप अपने साथ हो रही आर्थिक लूट को सहते चले जाते है लेकिन शिक्षा माफियाओं की हद तो तब पार हो जाती है जब यदि कोई विद्यार्थियों यदि आर्थिक मजबूरी के चलते अपनी फीस न पटा पाये और उसे यदि परीक्षा देने से वंचित करने या उसे खड़े होकर परीक्षा देने पर मजबूर कर दिया जाये तो शिक्षा मंदिर के नाम पर धंधा व्यवसाय करने वाले शिक्षा माफियाओं की इन करतूतो को क्या कहा जायेगा । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राजधानी भोपाल के ही शाहजहाँनाबाद स्थित सरस्वती को-एड हायर सेकेण्डरी स्कूल की एक छात्रा को फीस नहीं दे पाने के कारण खड़े होकर परीक्षा देने के लिए मजबूर करने के मामले में कड़क रूख अपनाते हुये कार्यवाही करने के लिये निर्देश दिये है । वहीं इस मामले की जाँच रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी ने भी कलेक्टर को सौंप दिया है। रिपोर्ट में स्कूल को दिए जाने वाले अनुदान रोकने, धारा 75 और जे.जे. एक्ट 3 के तहत शासकीय शिक्षकों द्वारा परीक्षाएँ संचालित करने तथा छात्रा प्रेरणा प्रजापति को उसकी इच्छानुसार स्कूल में प्रवेश दिलाने और स्कूल की मान्यता रद्द करने की सिफारिश की गई है। मुख्यमंत्री द्वारा इस मामले को गंभीरता से लेने और पूरे मामले की जाँच करवाने के निर्देश के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने इस पूरे मामले की जाँच की है।
