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न्याय व्यवस्था में अभियोजक महत्वपूर्ण कड़ी

न्याय व्यवस्था में अभियोजक महत्वपूर्ण कड़ी 

अभियोजन पर प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन भोपाल में आयोजित

भोपाल। गोंडवाना समय।
अभियोजक न्यायिक प्रणाली में पुलिस और जज के मध्य महत्वपूर्ण कड़ी है। विधि-विधायी मंत्री पी.सी. शर्मा ने बीते दिवस केन्द्रीय पुलिस प्रशिक्षण अकादमी भोपाल में 'फर्स्ट नेशनल कांफ्रेंस आॅन प्रॉसीक्युशन' के शुभारंभ अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण किसी भी कार्य को बेहतर तरीके से सम्पादन किये जाने का महत्वपूर्ण हिस्सा है। अभियोजक के द्वारा की गई पैरवी के मद्देनजर ही न्यायिक प्रक्रिया में अंतिम फैसले किये जाते हैं। वह पुलिस के अनुसंधान और संविधान के प्रावधानों को दृष्टिगत रखते हुए अपने कार्य को सम्पादित करता है। भोपाल में अभियोजन के लिये आयोजित उक्त प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन निश्चित ही पूरे प्रदेशों के लिये निश्चित मानकों को तय करेगा। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण किसी भी कार्य को बेहतर बनाने में सदैव सहायक रहता है। महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के प्रकरणों में न्यायिक प्रक्रिया में निर्णय अधिकतम एक माह में पूर्ण किये जाने की पैरवी करते हुए कहा कि बेहतर प्रशिक्षित अभियोजकों के कारण यह संभव हो सकता है। उन्होंने कहा कि अनुभव बेहतर प्रशिक्षक होता है। सम्मेलन में मौजूद डायरेक्टर जनरल प्रॉसिक्यूशन श्री राजेन्द्र कुमार से कहा कि सर्वाधिक प्रकरण साल्व कराने वाले अभियोजकों को प्रदेश स्तर पर सम्मानित किया जाना चाहिए। सम्मेलन के प्रारंभ में निदेशक सीएपीटी श्री पवन श्रीवास्तव ने रूपरेखा पर विस्तार से प्रकाश डाला।

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