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फुलेहरा का सचिव पत्नी के नाम पंचायतों में बेच रहा स्टेशनरी से लेकर फूटा-लड्डू

फुलेहरा का सचिव पत्नी के नाम पंचायतों में  बेच रहा स्टेशनरी से लेकर फूटा-लड्डू

खुद की पंचायत सहित दर्जनों पंचायतों में लगे हैं बिल

घंसौर। सिवनी। गोंडवाना समय।
जनपद पंचायत घंसौर के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत फूलेहरा का पंचायत सचिव बेटी के नाम से संचालित स्टेशनरी की दुकान के नाम पर क्षेत्र की कई पंचायतों में सरपंच-सचिवों को साथ मिलकर पत्नी के नाम पर स्टेशनरी की दुकान के नाम पर रेत,गिट्टी,र्इंट,सीमेंट से लेकर फूटा,लड्डू सहित विकलांगों की व्हीलचेयर तक बेच रहा है। या यूं कहें कि घंसौर क्षेत्र की कई ग्राम पंचायत फुलेहरा के सचिव से मिलकर सामग्री के नाम पर फर्जी तरीके से हजारों रुपए की राशि निकालकर हजम कर रहे हैं। पंच परमेश्वर पोर्टल पर फीड किए गए बिल खुद ब खुद फर्जीवाड़ा की कहानी को बयां कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक फुलेहरा पंचायत सचिव सुनील झारिया द्वारा अपनी बेटी पारूल के नाम से घंसौर के केदारपुर रोड पर स्टेशनरी एवं जनरल स्टोर्स खोला है।
जिसमें वह सचिव पद और पंचायतों में पहचाजन क भरपूर फायदा उठाते हुए हर ग्राम पंचायत लौहारी, ब्यौहारी, पद्दीकोना, सर्रा, बुहोरा, धनवाही, चारगांव, फुलेहरा,पाटन,बम्हनी,केदारपुर सहित घंसौर क्षेत्र की दर्जन पंचायतों को र्इंट-गिट्टी,रेत,स्टेशनरी सामान,फूटा,लड्डु,इंटरनेट चार्जिंग सहित विकलांगों की चेयर तक का बिल पंचायतों को दिया गया है।  जो बिल जारी किए गए हैं उसमें प्रोपराइटर उनकी पत्नी मालती झारिया दर्ज है। सबसे खास बात तो यह है कि बिलों में हस्ताक्षर भी अलग-अलग तरीके के किए गए हैं। किसी बिल में हिन्दी से हस्ताक्षर हैं तो कुछेक  बिलों में अंग्रेजी से किए गए हैं जो मेल नहीं खा रहे हैं।

एक ही नबर के कई बिल-

गोंडवाना समय के हाथ लगे पंचायतों को दिए गए पारूल टेडर्स के बिल ने चौका दिया है। एक ही नबंर के दो-दो बिल जारी किए गए हैं जो सीधे तौर पर फर्जीवाड़ा जाहिर कर रहा है। एक नहीं बल्कि कई पंचायतों को ऐसे बिल जारी किए गए हैं।  छह हजार रुपए का बिल क्रमांक चार फुल्हेरा ग्राम पंचायत को भी जारी हुआ है और पाटन ग्राम पंचायत को भी जारी हुआ है जिसमें 26460 रुपए की राशि निकाली गई है। इसी तरह दो नंबर का बिल  जिसमें 13500 रुपए का पाटन और 60 हजार रुपए का पद्दीकोना पंचायत को जारी किया गया है। बिल नंबर 35 सर्रा ग्राम पंचायत को जारी किया गया जिसमें 14550 रुपए की राशि और फुल्हेरा ग्राम पंचायत 13340 रुपए का जारी हुआ है। छह नंबर के दो बिल ब्यौहारी ग्राम पंचायत को जारी किया  गया है जिसमें एक में 11180 रुपए और दूसरे बिल में 24000 रुपए दर्ज है। जबकि तीसरा बिल ब्यौहारी पंचायत को जो जारी किया गया है उसमें बिल नंबर तक अंकित नहीं है। सबसे खास और अहम बात तो यह है कि किसी भी बिलों में जीएसटी नंबर तक अंकित नहीं है।

खंगाला जाए तो पंचायतों का निकलेगा फर्जीवाड़ा-

जनपद पंचायत घंसौर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी या जिला पंचायत सीईओ श्रीमति मंजूषा विक्रांत राय अगर घंसौर क्षेत्र में सामग्री क्रय के बिलों की सही जांच-पड़ताल कर ले तो कई पारूल स्टेशनरी सहित पंचायतों का लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है। यहां तक की ऐसा भी हो सकता है कि सामग्री खरीदी न गई हो और फर्जी बिल लगाकर पैसे निकाल लिए गए होंगे।

क्रय नियमों का पालन तक नहीं-

जिस बड़ी संख्या में घंसौर क्षेत्र में पारूल स्टेशनरी एवं जनरल स्टोर्स के नाम पर बिल लगाकर सामग्री क्रय की गई है ऐसा लगता है कि भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया है और कमिशनबाजी के चलते एक ही दुकान से सामग्री खरीदी की गई है। सूत्रों की मानें तो अगर विभाग ईमानदारी से जांच कर दें तो पारूल स्टेशनरी एवं जनरल स्टोर्स की प्रोपराइटर्स सहित पंचायत के सचिव की जेल जाने की नौबत आ सकती है।

इनका कहना है

जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी

अगर बिना सामग्री क्रय किए हुए और फर्जी तरीके से बिल लगाए गए हैं तो इस मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
श्रीमति मंजूषा विक्रांत राय ,जिला पंचायत सीईओ सिवनी।

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