ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के अनुकूल किया जाये मठ तालाब का जीर्णोद्धार: रघुवीर अहरवाल
सिवनी। गोंडवाना समय।नगर के मठ मंदिर का इतिहास अत्यंत गौरवशाली और महत्वपूर्ण है। इसका धार्मिक महत्व भी आये दिन हो रहे धार्मिक कार्यक्रमों को देखकर समझा जा सकता है लेकिन इसके बाद भी इस मंदिर के किनारे बना मठ तालाब अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। अच्छा हो कि ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के अनुकूल मठ तालाब का जीर्णोद्धार किया जाये उक्ताशय की मांग करते हुये रविदास शिक्षा मिशन के अध्यक्ष रघुवीर अहरवाल ने बताया कि पछले 50 साल से मठ मंदिर तालाब को व्यवस्थित करने के लिये अनेक योजनाएं बनी, मांग हुई, किंतु आज तक इसका ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के अनुकूल प्रबंधन नहीं किया जा सका। जबकि मठ मंदिर से आदि शंकराचार्य का इतिहास जुड़ा हुआ है।
इस मंदिर के प्रांगण में ही कभी भव्य मेघनाथ मेला भी लगता था जो कि अब लगभग समाप्त हो चुका है। मठ तालाब में आये दिन श्रद्धालु लोग अपने धार्मिक विधान के अनुसार अनेक क्रियाएं सम्पन्न कराते हैं, कुछ स्नान भी करते हैं, किंतु तालाब के दूसरे किनारों की ओर कुछ असामाजिक तत्व गंदगी भी करते नजर आते हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं की मनोभावनाएं कुंठित होती हैं। अच्छा हो कि इस तालाब के आसपास दलसागर तालाब के समान पत्थरों की पार बनाकर उसमें फेंसिंग तारें लगाई जायें। इसके अलावा पूरे तालाब के चारों ओर करीब 15 फिट चैड़ा परिक्रमा पथ और बगीचा बनाया जाये, जिसमें कुछ आरामदायक कुर्सियां भी लगाई जायें। इसके साथ ही इस परिक्रमा पथ और बगीचे को सुरक्षित करने के लिये पुन: फेंसिंग तारें लगाना आवश्यक होगा। उसी फेंसिंग तारों के करीब तालाब के चारों ओर छायादार वृक्ष लगाने से इसकी सुंदरता में चार चांद लग जायेंगे। रविदास शिक्षा मिशन के अध्यक्ष श्री अहरवाल ने मठ मंदिर तालाब के ट्रस्टियों, जिला प्रशासन, नगर पालिका परिषद, जनप्रतिनिधियों और श्रद्धेय शंकराचार्य महाराज के अनुयायियों से आग्रह किया है वे मठ मंदिर तालाब का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के अनुसार जीर्णोद्धार कराने के लिये सार्थक कदम उठायें।