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आसमान पर मंडराते काले बादल,ओपन कैप में खूली पड़ी धान

आसमान पर मंडराते काले बादल,ओपन कैप में खूली पड़ी धान

समितियों की लापरवाही सामने आने के बाद अब प्रशासन की लापरवाही आ रही सामने

सिवनी। गोंडवाना समय। 
किसानों द्वारा कड़ी मेहनत करने के बाद अन्न का उत्पादन करता है। सरकार उसी अन्न को करोड़ों रुपए खर्च कर खरीदी करती है लेकिन प्रशासन और  उनका अमला सरकार के उस अनाज की कितनी फिक्र और देखभाल करता है नरेला ग्राम का ओपन कैप बयां कर रहा है। हजारों टन धान सड़ाने के बाद फिर लापरवाही बतरने की कोशिश की जा रही है। आसमान में पल-पल मंडराते काले बादलों के बावजूद ओपन कैप में धान खूली पड़ी है। हालांकि प्यास लगी तो कुंआ खोदने की तर्ज पर बूंदाबांदी देखकर तिरपाल ढकने का काम किया जा रहा था।
जबकि देर रात हुई बारिश से कैप में रखी धान गीली न हो इससे इंकार नहीं किया जा सकता है।  इसके पूर्व खरीदी केन्द्रों में समिति और परिवहन ठेकेदार की लापरवाही के चलते बारिश में धान भींग चुकी थी। जिससे सूखाकर परिवहन किया गया था। अब प्रशासन द्वारा खूली धान रखकर घोर लापरवाही बरती जा रही है।

देर रात बारिश के बाद सुबह धान ढाकने की सुध

नरेला स्थित ओपन कैप में लाखों क्विंटल धान खूले में रखी हुई है। शनिवार-रविवार की रात  अचानक मौसम बिगड़ने और बारिश से धान भींगने के बाद रविवार को जब आसमान में काले बादल छा गए तब जाकर डीएमओ की टीम द्वारा कैप में तिरपाल ढांकने की सुध ली गई। जबकि सिमरिया मंडी से लगे हुए कैप में जो तिरपाल लगाए गए हैं उसमें पिछे का हिस्सा खुला हुआ है। साफ जाहिर होता है कि फिर धान सड़ाकर गोलमाल करने की साजिश रची जा रही है। सबसे खास बात तो यह है कि वर्तमान में जिले में डीएमओ के रूपा में पदस्थ जिम्मेदारी अधिकारी गायब है। जिले में पदस्थ रहे मन्नु लाल कुसरे को  टूटे और खराब ओपन कैप में धान रखने का विरोध करने पर नागरिक आपूर्ति निगम,खाद्य आपूर्ति निगम के अधिकारियों की टीम ने मिलकर एकाएक जिले से भोपाल स्थानांतरण करवा दिया। उनकी जगह में शासन द्वारा एक अधिकारी को भेजा गया था लेकिन वे भी जिले के हालात देखकर छुट्टी में चले गए हैं। उनका प्रभार फिलहाल छिंदवाड़ा के डीएमओ हिरेन्द्र रघुवंशी को सौंपा गया है लेकिन वे भी जिले में कभी-कभार ही आ रहे हैं और अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को छिंदवाड़ा से ही फोन पर निर्देशित कर काम को अंजाम दे रहे हैं। मौके पर मौजूद कुछेक कर्मचारियों ने भी बताया कि छिंदवाड़ा के डीएमओ यहां कम आते हैं और फोन पर ही निर्देश देकर पूरा मामला छोटे कर्मचारियों पर सौंप देते हैं।

सड़ी धान के पास रख दिए गए नये धान के बोरे

धान को लेकर जिम्मेदारों ने तो हद कर दी है। ओपन कैप की धान को न केवल खूला छोड़ दिया है बल्कि वर्षो पुरानी सड़ी और गंद मारता धान के ढेरों के पास नई धानों के बोरों को बड़ी मात्रा में रख दिया गया है। जबकि सड़ी धानों में कीड़े-मकोड़े सब नजर आ रहे हैं। ऐसे में बगल में रखी हुई धान पर असर न पड़े यह कहा नहीं जा सकता है। इस मामले को लेकर छिंदवाड़ा के डीएमओ व प्रभारी डीएमओ सिवनी हिरेन्द्र रघुवंशी को फोन लगाया गया तो उनका कहना था कि कैपन कैप की पूरी धान ढंकी हुई है लेकिन गोंडवाना की टीम द्वारा कैमरे में उतारी गईं तस्वीर खुद बयां कर रही है। जिन्हें डीएमओं द्वारा लापरवाही को छिपाने के लिए झूठलाने का प्रयास किया जा रहा था लेकिन जब उन्होंने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से बात कर अपनी  ही बात पर पलट गए और कहा गया कि कैप में रखी धान में नमी होने के कारण तिरपाल खोल दिया गया था। हालांकि इनका झूठ तो यहां भी पकड़ा गया क्योकि तिरपाल के बंडल हाल ही में कैप में पहुंचे थे जिनका बंडल खोलकर धान को ढंकने का काम किया गया।

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