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पीवीसी स्ट्रिप्स के बिना पक्की नहर, मुरम की रायल्टी में भी पौने दो करोड़ का चूना

पीवीसी स्ट्रिप्स के बिना पक्की नहर, मुरम की रायल्टी में भी पौने दो करोड़ का चूना

पेंच नहर के निर्माण में अफसरों ने ठेकेदार को दिया  भ्रष्टाचार का खूला संरक्षण

सिवनी। गोंडवाना समय। 
अरबों रूपए की लागत से सिवनी जिले में बनाई जा रही पेंच व्यपवर्तन योजना की नहर में पेंच परियोजना के तकनीकी अफसरों ने ठेकेदारों को संरक्षण देकर न केवल घटिया काम को अंजाम दे दिया है। बल्कि खुदाई के दौरान निकली मुरम और पत्थर की रायल्टी में भी करोड़ों रुपए की चपत लगाई गई है। सबसे खास बात तो यह है कि मेंटेना कम्पनी के साथ मिलकर खनिज विभाग के अफसरों ने भी मुरम और पत्थरों की रायल्टी की वसूली न करके शासन को चपत लगाने में भूमिका निभाई है। कैग की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से यह खुलासा हुआ है। इसके बावजूद पेंच व्यपवर्तन योजना और खनिज विभाग में सरकार बदलने के बावजूद आज भी भ्रष्ट अफसर की तैनाती बनी हुई है।

पीवीसी स्ट्रिप्स का नहीं किया गया उपयोग

गोंडवाना समय तो लगातार पिछले एक साल से नहर निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी का उल्लेख करते आ रहा है जिसको लेकर जिला प्रशासन आंख मूंदकर बैठा हुआ है। वहीं नेताओं की घिघ्घी बंदी रही। अब कैग की रिपोर्ट ने भी खूलासा कर दिया है कि सिवनी शाखा नहर के टर्नकी अनुबंध के प्राक्कलनों में सीमेंट कांक्रीट लाइनिंग में पैनल जोड़ों में पीवीसी स्ट्रिप्स को लगाने के प्रावधान है। डब्ल्यू आरडी द्वारा जारी नियमानुसार क्रांकीट डालने से
पहले  पीवीसी  स्ट्रिप्स को का्रंकीट लाइनिंग में डाले जाने के नियम है लेकिन कैग की  जांच में पाया गया है कि ठेकेदार ने सीमेंट क्रांकीट लाइनिंग में पीवीसी स्ट्रिप्स नहीं डाला गया। सबसे खास बात तो यह सामने आई कि ईई और एसडीओ नियम का पालन कराने में असफल रहे या यू कहें कि ठेकेदार  पर मेहरबान बने रहे। वहीं पीवीसी स्ट्रिप्स का उपयोग न किए जाने के बावजूद पेंच व्यपवर्तन योजना का क्रियान्वयन करने वाले ईई,एसडीओ ने मिलकर ठेकेदार को 3.22 करोड़ रुपए का लाभ पहुंचा दिया। जिससे शासन को करोड़ों का चूना लगा। वहीं दूसरी तरफ नहर की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है।

हार्ड रॉक  की लागत की नहीं की वूसली

पेंच व्यपवर्तन के अधिकारी-कर्मचारियों की मेहरबानी जहां नहर के घटिया निर्माण कार्य में बनी हुई है। वहीं हार्ड रॉक यानी मुरव व पत्थर की रायल्टी ठेकेदार से वसूली न करके शासन को चूना लगा दिया है। हार्ड रॉक 94 रुपए प्रति घन मीटर और रायल्टी 50 रुपए प्रति घन मीटर मिलाकर दिसंबर 2016 तक 98,952,25 हार्ड रॉक जारी की गई थी जिसकी राशि 1.85 करोड़ रुपए पेंच व्यपवर्तन योजना के अफसरों ने वसूल की और न ही कलेक्टर कार्यालय खनिज विभाग के अफसरों ने रायल्टी वसूलने की दिलचस्पी दिखाई। जिसकी वजह से शासन को पौने दो करोड़ रुपए से ज्यादा की क्षति होना माना जा सकता है। इस मामले को लेकर अनिल सिंग अधीक्षण यंत्री सिंचाई विभाग को फोन लगाया गया तो रिंग बजते रही लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

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