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सफारी के सामने टाइगर देख बघीरा के बच्चे हुए रोमांचित

सफारी के सामने टाइगर देख बघीरा के बच्चे हुए रोमांचित


नौ जिलों से आए छात्रों ने समझी जैव विविधता,

पेंच पार्क के टुरिया गेट में हुए विविध आयोजन


सिवनी। गोंडवाना समय। 
तीन दिवसीय मोगली बाल उत्सव के पहले दिन 24 मार्च रविवार को जैसे ही बघीरा समुह के बच्चों की टीम ने जंगल भ्रमण के दौरान अपनी सफारी के सामने करीब से टाइगर को देखा तो रोमांचित हो गए। वहीं जैव  विविधता संबंधित जानकारी हासिल कर अपना जनरल नॉलेज भी बढ़ाया। दरअसल सिवनी जिले के पेंच नेशनल पार्क में तीन दिवसी राजस्तरीय मोगली बाल उत्सव 24 मार्च से शुरू हो गया है।  जिसमें मोगली बाल उत्सव के पहले दिन मोगली मित्रों ने जंगल की सफारी का आनंद लिया। बघीरा, बालू व का गु्रप में शामिल मोगली मित्रों ने अलग अलग गतिविधियों में हिस्सा लिया।
सफारी के दौरान बघीरा गु्रप के मोगली मित्र जंगल के राजा बाघ को  करीब से देखकर रोमांचित हो गए। जबकि बालू गुु्रप में शामिल छात्रों ने नेचर ट्रेल में जैव विविधता की जानकारी हासिल की।  मोगली मित्रों जंगल भ्रमण के दौरान पक्षियों के रहवास देखे। इससे पहले डीईओ जीएस बघेल व जैव विविधता बोर्ड के शिवप्रताप सिंह बघेल ने सुबह 5 बजे मोगली मित्रों के जिप्सी वाहन को हरी झंडी दिखाकर सफारी के लिए रवाना किया। 26 मार्च तक चलने वाले मोगली महोत्सव के तहत विविध सांस्कृतिक व लोक कला संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम पेंच के टुरिया गेट में आयोजित किए जा रहे हैं।

प्रदेश के 9 जिले के बच्चे हुए शामिल

तीन दिवसीय मोगली बाल महोत्सव में नौ जिलों से 72 छात्र व उनके 14 मार्गदर्शी शिक्षक व सहजकर्ता हिस्सा लेने पेंच पार्क के टुरिया गेट पहुंचे हैं। जंगल भ्रमण के दौरान मोगली मित्रों को जीव जंतु, पशु पक्षी व वन संपदा और उसकी विविधता के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। मोगली मित्रों ने सफारी व नेचर ट्रेल के दौरान उत्साह के साथ वन्यजीवों व उनके प्राकृतिक आवास के बारे में जानकारी हासिल कर शंका का समाधान किया।

बाघ को देख खिल उठे चेहरे 

मोगली बाल उत्सव में मंदसौर, नीमच, बड़वानी, उज्जैन, अलीराजपुर, झाबुआ, सिवनी, बालाघाट व छिंदवाड़ा जिले के चयनित छात्र हिस्सा ले रहे हैं। रविवार को सफारी के दौरान बघीरा गु्रप ने जैसे ही जंगल में विचरण करते बाघ को देखा बच्चों के चेहरे खिल उठे। बालू गु्रप में शामिल बच्चों ने नेचर ट्रेल के जरिए जंगल में उपस्थित पेड़ पौधे, वनस्पति को देखा और उसकी विविधता को समझा। इस दौरान जंगल के पारिस्थितिक तंत्र को भी बच्चों ने समझा। नेचर ट्रेल में बच्चों ने मकड़ियों के जाल व रंग बिरंगी तितलियां भी देखी।

देखे दुर्लभ पक्षी  

पेंच पार्क के अधिकारियों ने का गु्रप में शामिल मोगली मित्रों को ट्रेजर हंट व हेबिटाइट सर्च के जरिए पक्षियों के प्राकृतिक रहवास, कीट पतंगों के निवास के बारे में बताया। इस दौरान बच्चों को कई दुर्लभ पक्षी भी देखने को मिले। टुरिया गेट पर सभी गु्रप में शामिल छात्रों के लौटने पर पर्यावरण संरक्षण व जागरूकता से जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। मोगली मित्रों ने सांस्कृतिक व लोक कला के कार्यक्रमों के जरिए पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। 

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