केंद्र सरकार महुआ ड्रिंक को देश की मुख्य धारा में लायेगी और करेगी मार्केटिंग
जनजातिय मंत्रायलय ने एमएफपी के लिए एमएसपी योजनाओं की शुरूआत
नई दिल्ली। गोंडवाना समय। जनजातीय मामलों के केन्द्रीय मंत्री जुएल ओराम ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यशाला में गौण वनोत्पाद योजना (एमएफपी) के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और एमएफपी की मूल्य श्रृंखला विकसित करने के लिए मंत्रालय की महत्वाकांक्षी वन धन योजना की शुरूआत किया। इस कार्यशाला का आयोजन जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत ट्राई फेड ने किया था। कार्यशाला में 30 राज्यों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया जिसमें इन योजनाओं के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। जगदलपुर के कलेक्टर ने बस्तर में इस योजना की शुरूआत के बारे में प्रस्तुति दी। वहीं (ए) एमएफपी के लिए एमएसपी योजना(बी) वन धन विकास कार्यक्रम के लिए दिशा-निर्देश जारी ट्राईफेड और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की ट्राई फूड परियोजना, ट्राईफेड की सीएसआर पहल आदिवासियों के मित्र/समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान का लाभ मिलेगा।डीबीटी छात्रवृत्ति पोर्टल, आदिवासी हॉट के विशेष संस्करण का विमोचन
इस अवसर पर, जुएल ओराम ने कहा कि करीब 5.5 करोड़ आदिवासी देश के घने जंगलों में रहते हैं जिन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्यु और मूल्य संवर्द्धन की योजनाओं से लाभ मिलेगा। यह योजना आदिवासियों के व्यावसायिक दृष्टि से 50 मदों के लिए लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करेगी। एमएफपी में अब समूचे वनोत्पा्द शामिल हो गए हैं। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि एमएसपी 30% से बढ़ाकर 40% कर दिया गया है। इससे आदिवासियों की आमदनी पर्याप्त दर में बढ़ेगी। वह इस बात से भी प्रसन्न थे कि हाट बाजारों में जहां आदिवासी अपना सामान लाते हैं वहां भी अब खरीदने की व्य्वस्था काम कर रही है। वहीं इसके लिये 307 जिला कलेक्टरों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे राज्य एजेंसियों के जरिये आदिवासी संग्रहणकर्ताओं को न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करें।करीब 6000 वन धन विकास केन्द्रोंं की स्थापना का प्रस्तापव रखा गया है जहां प्रत्येक में 300 आदिवासी संग्रहकर्ता होंगे जिनसे करीब 45 लाख आदिवासियों को रोजगार मिलेगा। वन धन योजना की शुरूआत करते हुए मंत्री ओराम ने कहा कि यह कार्यक्रम आदिवासियों में उद्यम और विपणन का कौशल बढ़ाता है। यह निकट भविष्य में पूरे उद्यम में नई जान डालेगा। वर्तमान में आदिवासियों को गौण लघु उत्पादों की मूल्य श्रृंखला का 20-30% मिलता है। वन धन योजना के बाद इस स्थिति में बदलाव आएगा जिसका लक्ष्य इस हिस्से को 70 से 80% तक ले जाना है। प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 14 अप्रैल 2018 को वन धन योजना की शुरूआत की थी।
ट्राईफेड योजना में मूल्य संवर्द्धन केंद्र की होगी स्थापना
खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय, जनजातीय मामलों के मंत्रालय और ट्राइफैड की संयुक्त पहल वाली ट्राईफूड योजना की शुरूआत करते हुए मंत्री ओेराम ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में जगदलपुर और महाराष्ट्र में रायगढ़ में करीब 11.00 करोड़ रुपए की लागत से एक महत्वपूर्ण मूल्य संवर्द्धन केन्द्र की स्थापना की जाएगी। इस उत्पादन की एक विशेषता परम्परागत महुआ ड्रिंक होगा।इस परियोजना के अंतर्गत परम्परागत आदिवासी ड्रिंक को देश की मुख्यधारा में लाया जाएगा और उसकी मार्केटिंग की जाएगी। उन्होंने इन सभी कार्यक्रमों को वर्तमान स्तर पर लाने के लिए जनजातीय मामलों के मंत्रालय और ट्राइफेड की सराहना की और आशा व्यक्त की कि ट्राइफैड वनों में रहने वाले आदिवासियों तक पहुंचने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।






