ठेका देकर कारीरात पंचायत और संगई में बन रही घटिया सड़क और पुलिया
चिटके पाइप, नदी की लोकल रेत से निर्माण
सिवनी। गोंडवाना समय।जनपद पंचायत सिवनी की ग्राम पंचायत कारीरात और संगई में ठेका देकर पुलिया और सुदुर सड़क पर पलीता लगाकर पंचायत के सरपंच-सचिव और ठेकेदार की तिकड़ी गोलमाल कर रही है। सबसे खास बात तो यह है कि कारीरात पंचायत में जहां पुलिया की आवश्यकता नहीं थी वहां जबरदस्ती पुलिया बनाई जा रही है। वहीं संगई ग्राम पंचायत ने कारीरात और संगई के बीच बनाई गई पुलिया निर्माण में सेंध लगाने के लिए गंगाजी की कालीरेत का भी उपयोग किया गया है।
14.99 लाख की लागत से रोड व पुलिया
कारीरात ग्राम पंचायत में मेन रोड से हरि प्रसाद ठाकुर के खेत तक तकरीबन एक किलोमीटर के लगभग सुदुर सड़क बनाई जा रही है। जिसकी लागत 14.99 लाख रुपए है। जिसमें ग्राम पंचायत का सरपंच पदम सनोड़िया, सचिव अरविंद सनोड़िया व ठेकेदार ने मिलकर सरकारी तालाब से की मुरम डालकर बिना रोलर चलाए ही खेल कर दिया जा रहा है। वहीं सड़क की शुरूआत में ही एक छोटी सी पुलिया का निर्माण किया गया है उसमें भी चिटके और तार,गिट्टी निकले हुए घटिया क्वालिटी के पाइप लगा दिया गया है। सबसे खास बात तो यह है कि जहां पुलिया बनाई गई है सिंगल पाइप डालकर ही काम चल जाता क्योकि वहां ज्यादा पानी नहीं आता है लेकिन शासन की राशि पर गोलमाल करने के लिए पक्की पुलिया बना दी गई है जिससे तीन-तीन मिलकर छह पाइप डाले गए हैं। तकनीकी सूत्रों की मानें तो सुदुर सड़कों में तीन प्रकार की लेयर डालकर उसमें पानी की सिंचाई के साथ रोलिंग के नियम है लेकिन कारीरात ग्राम पंचायत के सरपंच,सचिव और ठेकेदार सिर्फ एक ही प्रकार की मुरम डालकर सड़क निर्माण की खानापूर्ति कर रहे हैं।13 लाख की पुलिया में गंगाजी की काली रेत
संगई ग्राम पंचायत के अंतर्गत कारीरात और संगई गांव के बीच हाल ही सीसी पुलिया बनाई गई है। जिससे 9 पाइप का उपयोग किया गया है। कारीरात और संगई गांव के सूत्र बताते हैं कि 13 लाख रुपए की इस पुलिया में जहां सीमेंट,और रेत का उपयोग कम मात्रा में किया गया है। वहीं पुलिया की दीवार में गंगाजी की काली रेत का उपयोग किया गया है। पुलिया बनने के बाद उसकी तराई भी पर्याप्त नहीं की गई है। जिससे उसकी गुणवत्ता प्रभावित होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक कारीरात से संगई रोड पर स्थित दो छोटी पुलिया पंचायत द्वारा किए घटिया काम की वजह से दो फाड़ हो गई हैं जो अलग ही नजर आती हैं।नहीं लगाए गए बोर्ड
नियमानुसार मनरेगा हो या फिर 14 वित्त की राशि के निर्माण में कार्य प्रारंभ में बोर्ड लगाना अनिवार्य है जिसमें योजना का नाम से लेकर निर्माणकर्ता एजेंसी और उसकी लागत का उल्लेख होना चाहिए लेकिन जनपद पंचायत सिवनी की ग्राम पंचायत कारीरात और संगई में पुलिया और सड़क के निर्माण कार्य में बोर्ड नहीं लगाए गए हैं।पुलिया और सड़क का भौतिक सत्यापन हो तो खूल जाएगी पोल-
आरईएस विभाग के तकनीकी अमला के अलावा अगर लोकनिर्माण विभाग के इंजीनियरों की टीम बनाकर सुदुर सड़क और पुलिया का भौतिक सत्यापन करा लिया जाए तो सड़क व पुलिया की गुणवत्ता की हकीकत और उसमें हुए भ्रष्टाचार की पोल खुल जाएगी। ग्राम पंचायत कारीरात के सरपंच पदम सनोड़िया और सचिव अरविंद सनोड़िया का कहना है कि पुलिया के कोई पाइप चिटके नहीं है और सड़क भी नियम के अनुसार बना रहे हैं।इनका कहना है..
सुदुर सड़क में अभी एक लेयर और डलवाकर रोलिंग करवाएगें। पुलिया में चिटके पाइप लगाए गए हैं तो उनको निकलवाएगें।एनके सूर्यवंशी,एई आरईएस सिवनी
प्रयोगशाला प्ररिक्षण के बाद ही पुलिया का प्रतिवेदन दिया जाएगा। गुणवत्ता खराब है तो उसकी जांच कराई जाएगी।
एसके जाटव, एई जनपद पंचायत सिवनी