तय हुआ एक धर्म कोड/कालम में लिखा जाये ट्राईबल
प्रकृतिवादी समूह, एक समुदाय, एक संप्रदाय
रांची। गोंडवाना समय।मोरहाबादी मैदान रांची में 7 मार्च गुरूवार को प्रमुख रूप से पूर्व केंद्रीय मंत्री रामेश्वर उरांव, पूर्व विधानसभा सभा उपाध्यक्ष चंपिया जी, साधनौ भगत पूर्व मंत्री, इतिहास विद् डा कर्मा उरांव जी, गुलजार सिंह मरकाम राष्ट्रीय संयोजक गोंसक्रांआं, पूर्व मंत्री देवकुमार धान, चुरकू मुंडा, करमचंद सिंह खैरवार, तिरूमाय दुर्गावती ओड़िया सहित मुंडा, उरांव, संथाल, हो लोहरा सहित झारखंड की 35 आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधि समूह की ऐतिहासिक उपस्थिति में कार्यक्रम सम्पन्न हुआ । इस दौरान आदिवासियों के विभिन्न पंथों का एक नाम पर सहमति हुए बिना किसी भी छोटे बड़े समूह को जनगणना 2021 में प्रथक धर्मकोड/कालम मिलना संभव नहीं। इसलिए आदिवासियों की विभिन्न उपजाति समूहों से अनुरोध है कि हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई, जैन आदि धर्म के मानने वालों में उनके अंदर ही अलग-अलग क्रियात्मक तौर तरीके हैं परन्तु एक धर्म में समाहित होकर एक कालम में अपनी पहचान देकर जनशक्ति का एहसास दिलाते हैं। जनजाति समूह को भी चाहे क्षेत्रीय स्तर पर हमारे सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, क्रियाकलापों में अंतर भी हो तब भी हम अपनी क्षेत्रीय पहचान को कायम रखते हुए । अपने प्रचलित धार्मिक पहचान को पंथ मानकर एक नाम पर सहमति बनाना ही आदिवासी समुदाय के लिए हितकर होगा।