नियमों को ताक पर गेंहू की खरीदी
सुविधाऐं गायब,कचरा भरी गेंहू की खरीदी
सिवनी। गोंडवाना समय।
जिले में समर्थन मूल्य पर चल रही गेंहू की खरीदी नियमों को ताक पर रखकर की जा रही है। भीषण गर्मी के बावजूद खरीदी केन्द्रों में न तो किसानों के लिए सुविधाऐं मौजूद हैं और न ही शासन के मापदंडों का पालन करते हुए गेहूं की खरीदी कर रहे हैं। किसानों से पैसे लेकर कूड़ा-करकट भरी हुई गेंहू की जमकर खरीदी हो रही है। वहीं परिवहन की चाल भी कछुआ बनी हुई है।
121000 मैट्रिक टन गेंहू की खरीदी-
25 मार्च से 07 मई तक जिले में तकरीबन 121000 मैट्रिक टन गेंहू की खरीदी हो चुकी है। जिसमें 163 करोड़ रुपए किसानों को भुगतान किए जाने का दावा किया जा रहा है। जबकि कई किसानों के खातें में गेंहू बेचने के बाद भी राशि नहीं पहुंची है। जानकारी के मुताबिक जिले में अब तक 1130 किसान अपनी गेंहू बेच चुके हैं।
कचरा भरी गेहूं की खरीदी-
केवलारी क्षेत्र में समिति केन्द्रों पर कचरा और कूड़ा करकट भरी हुई गेंहू की खरीदी की जा रही है। वहीं सोख के नाम पर तौल में भी किसानों से ज्यादा गेंहू ली जा रही है जबकि भीषण गर्मी में गेंहू में नमी होना मुश्किल है बावजूद 800 ग्राम से एक किलोग्राम तक गेंहू की मात्रा अधिक ली जा रही है। वहीं दूसरी तरफ कई खरीदी केन्द्रों में कचरा की सफाई के लिए छन्ना और पंखा भी मौजूद नहीं है जबकि नियमानुसार केन्द्रों में होना चाहिए।
न चाय नास्ता न ठंडा पानी-
किसानों के लिए भी खरीदी केन्द्रों में ठंडे पानी और छाव की व्यवस्था के साथ चाय नास्ता और भोजन की व्यवस्था होना चाहिए लेकिन अधिकांश खरीदी केन्द्रों में यह व्यवस्था मौजूद नही है। खरीदी केन्द्र लोपा में देखा गया तो यह व्यवस्था गायब थी। सिर्फ पानी भर की व्यवस्थाऐं मौजूद थी। वहीं एक किसान खरीदी प्रबंधक के सामने ही बयां कर रहा था कि एक किलोग्राम तक ज्यादा गेंहू ज्यादा ली जा रही है। वहीं गेंहू में कचरा भी नजर आ रहा था।