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पर्यावरण को बर्बाद कर रहे बरघाट तहसीलदार

पर्यावरण को बर्बाद कर रहे बरघाट तहसीलदार

बरघाट क्षेत्र से कट रहे आम और इमली के हरे-भरे पेड़

सिवनी। गोंडवाना समय। 
जिले में पर्यावरण बिगड़ते जा रहा है। अंधाधुंध पेड़ों की कटाई के कारण वैसे ही जिले के तापमान में वृद्धि होते जा  रही है। पारा 42 और 43 डिग्री तक पहुंच गया है। लू के थपेड़े लग रहे हैं इसके बावजूद प्रशासनिक अधिकारी पेड़ों को बचाने में गंभीरता दिखाने की बजाय पैसों के लालच में दनादन स्वीकृति देकर हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई करवा रहे हैं। यह खेल सबसे ज्यादा बरघाट विकासखंड में चल रहा है और तहसीलदार पीयूष दुबे पर्यावरण को खतरा पहुंचाने का काम कर रहे हैं। लकड़ी माफियाओं से सांठगांठ करके धड़ल्ले से हरे-भरे पेड़ों की कटाई की अनुमति दे रहे हैं। आए दिन बरघाट से कटी हुए हरे-भरे आम और इमली के पेड़ों के बड़े-बड़े ठूठ ट्रकों से पार हो रहे हैं। इसकी बानगी बीते दिनों देखने को मिली। ट्रक क्रमांक एमपी 22 एच 0816 हरी-भरे पेड़ों  के ठूठ से भरा हुआ था। जो बरघाट से पार होकर जबलपुर रोड में पेट्रोल भरवाकर मंजिल की ओर निकल रहा था।

्रपेड़ों की छाल और ठूठ ही बयां कर रहे हरे-भरे थे पेड़-

बरघाट क्षेत्र से ट्रकों से भरकर जा रहे लकड़ी के ठूठ और उनकी छाल ही बयां कर रहे हैं कि लकड़ी हरी-भरी काटी गई है लेकिन पेड़ कटाई की नियम विरूद्ध स्वीकृति प्रदान कर रहे तहसीलदार पीयूस दुबे को हरे-भरे पेड़ और शासन के नियम-कायदे नजर नहीं आ रहे हैं। यही वजह है कि वे अपने क्षेत्र में पेड़ों की कटाई की स्वीकृति बिना किसी खौफ के दनादन देते जा रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग में नजरे गढ़ाए कलेक्टर प्रवीण अढ़ायच भी पर्यावरण को लेकर गंभीरता दिखाते हुए बरघाट तहसीलदार पर नकेल नहीं कस पा रहे हैं।

पर्यावरणविद्व और क्षेत्रीयजन भी खामोश-

जिले में अफसर आ रहे हैं और लकड़ी माफियाओं के साथ मिलकर मोटी कमाई करके चले जा रहे हैं। उन्हें जिले के पर्यावरण को लेकर कोई फिक्र नहीं है। बरघाट तहसीलदार पीयूस दुबे भी चले जाएंगे लेकिन पेड़ों की कटाई से बिगड़ने वाले पर्यावरण का खामियाजा बरघाट क्षेत्र और जिले के लोगों को भुगतना पड़ेगा। यह बात क्षेत्र के सभी लोग जानते हैं इसके बावजूद पर्यावरणविद्व और क्षेत्रीयजन भी खामोश है। तहसीलदार के साथ-साथ वे लोग भी पर्यावरण के लिए खतरा है जो पेड़ों को लगाने की बजाय कटवाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

अधिकारी से ज्यादा जनता की गलती-


बरघाट क्षेत्र में तहसीलदार की अनुमति से कट रहे हरे-भरे पेड़ों को लेकर विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया से बात की गई तो उनका साफ कहना था कि अधिकारी से ज्यादा जनता की गलती है। जनता क्यों पेड़ काटने की अनुमति मांग रही है। तहसीलदार पर कार्रवाई कराने के साथ-साथ क्षेत्र में अभियान चलाने की बात कही  है। हालांकि हम बता दें कि बरघाट क्षेत्र में सक्रिय लकड़ी माफिया किसानों को पैसों का लालच देकर खुद किसानों के नाम पर तहसीलदार को आवेदन करके अनुमति ले रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि तहसीलदार पीयूष दुबे के साथ लकड़ी माफिया का करीबी व्यक्ति मौजूद है जो लकड़ी काटने की अनुमति धड़ल्ले से दिलवा रहा है। कहा जा सकता है कि जो करीबी है वह लकड़ी माफिया और तहसीदार के बीच बिचौलिया का काम कर रहा है।

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