स्वास्थ्य व्यवस्था की खूली पोल : तपती धूप में बैलगाड़ी पर आदिवासी महिला ने दी बच्चे को जन्म
सिवनी। गोंडवाना समय।जिले में संचालित 108 वाहन और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खुल गई जब दर्द से तड़पती परधान समाज की प्रसूता महिला ने तपती धूप के बीच अस्पताल पहुंचने से पहले बैलगाड़ी में बच्चे को जन्म दे दिया। प्रसूता महिला को परिजनों द्वारा उस वक्त बैलगाड़ी में ले गए जब बार-बार कॉल करने के बाद भी 108 वाहन व अन्य साधन नहीं मिला। डिलेवरी होने के बाद जच्चा और बच्चा दोनों अस्पताल में भर्ती हैं।
यहां हैं वहां है कहकर गुमराह करते रहे 108 वाहन का चालक
स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी हुई आशा कार्यकर्ता सुदामा कुमरे बताती हैं कि पांडिवाड़ा निवासी श्रीमति रतिया बाई पति मेरसिंह परधान को गुरुवार की सुबह 9 बजे अचानक प्रसव की पीड़ा शुरू हो गई। आशा कार्यकर्ता सुदामा कुमरे और प्रसूता के पति व ससुर द्वारा संजीवनी 108 वाहन के लिए बार-बार फोन लगाया गया लेकिन वाहन नहीं पहुंचा। आशा कार्यकर्ता सुदामा गुप्ता बताती है कि 108 संजीवनी वाहन का चालक यहां हैं वहां हैं कहकर गुमराह करते रहा। काफी देर तक वाहन का इंतजार करते रहे। गांव में कोई दूसरा वाहन भी नहीं मिला। बहु को असहनीय पीड़ा होते देख ससुर मक्खुलाल परधान ने बैलगाड़ी फांदी और आशा कार्यकर्ता व परिजनों के साथ बहु को बैलगाड़ी में लैटाकर धनौरा स्वास्थ्य केन्द्र के लिए रवाना हो गए। उसी बीच रतिया बाई ने बच्चे को जन्म दे दिया।डिलेवरी होने के बाद जच्चा-बच्चा दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र धनौरा में भर्ती कराया गया है जहां दोनों स्वस्थ्य बताए जा रहे हैं।हालांकि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ्य बताए जा रहे हैं। संजीवनी वाहन की सुविधा न मिलने से क्षेत्रीय लोगों में गुस्सा है। ग्रामीणों ने संजीवनी वाहन 108 वाहन में जीपीएस सिस्टम लगाने की मांग करते हुए उनकी लोकेशन ट्रेस कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
शुक्र है कि जच्चा-बच्चा हैं स्वास्थ्य -
मई की लपट मारती भीषण गर्मी के बीच बैलगाड़ी में प्रसूता ने एक बच्चे को जन्म देने से स्वास्थ्य व्यवस्था की एक बड़ी खामियां उजागर हो गई है। शुक्र है कि जच्चा और बच्चा दोनों को कुछ नहीं हुआ अन्यथा जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था तो बदनाम है ही वहीं जिला भी शर्मसार हो जाता।दो-दो विधायक के क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था की शर्मनाक स्थिति
धनौरा विकासखंड आदिवासी बाहुल्य इलाका होने के बावजूद 108 वाहन की सुविधा मिल रही है ओर न ही स्वास्थ्य सुविधाऐं मिल रही है। गुरुवार को बैलगाड़ी में आदिवासी महिला की डिलेवरी ने इस बात की पोल खोलकर रख दी है। बावजूद कांग्रेस के लखनादौन विधायक योगेन्द्र सिंह बाबा औरकेवलारी विधायक राकेश पाल सिंह मौन बैठे हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग की शर्मनाक स्थिति को देखकर विधायक जी जरा अब जाग जाऐं और जनता से जो वायदे करके विधायक बने हैं उसे पूरा कर जनता को मूलभूत सुविधाऐं दिलाऐं। बताया जाता है कि धनौरा क्षेत्र आधा केवलारी विधानसभा के अंतर्गत आता है और आधा लखनादौन विधानसभा क्षेत्र में आता है।