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अब मध्य प्रदेश में सेटेलाइट से होगी अवैध कटाई की निगरानी

अब मध्य प्रदेश में सेटेलाइट से होगी अवैध कटाई की निगरानी

प्रदेश में 1923 अति-संवेदनशील और 2583 संवेदनशील है वन बीट  

पॉलीथिन के बदले रूट ट्रेनर व रासायनिक खाद के स्थान पर वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग

भोपाल। गोंडवाना समय।
वन मंत्री श्री उमंग सिंघार ने कहा है कि विकास कार्यों में राज्य शासन के पास मात्र एक हेक्टेयर तक वन भूमि स्वीकृति के अधिकार हैं, इसे बढ़ाने के लिये केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजेंगे। साथ ही इस आशय का पत्र भारत के अन्य राज्यों को भी भेजा जाएगा। इससे वन क्षेत्र में जरूरी विकास कार्यों में गति आयेगी। वन मंत्री श्री उमंग सिंघार ने मंत्रालय में वन विभाग की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिये। इस मौके पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री जे.के. मोहंती भी मौजूद थे।

स्थानीय लोगों को रोजगार के अधिकतम संसाधन उपलब्ध कराये

मंत्री श्री सिंघार ने दो-दिवसीय समीक्षा के दौरान विकास, वन्य-प्राणी, अनुसंधान विस्तार एवं लोक-वानिकी, संयुक्त वन प्रबंधन, वन भू-अभिलेख संरक्षण और उत्पादन प्रभाग की गतिविधियों की समीक्षा किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पेड़-पौधों की निगरानी के लिये जीआईएस आधारित सेटेलाइट इमेजरी व्यवस्था शुरू की जा रही है। इसके द्वारा सतत मॉनीटरिंग से पौधों का विकास और अवैध कटाई पर नियंत्रण रखा जा सकेगा। वन मंत्री ने कहा कि विभाग स्थानीय लोगों को रोजगार के अधिकतम संसाधन उपलब्ध कराये। इससे भी अवैध कटाई पर अंकुश लगेगा।

वन विभाग के पास 9 करोड़ से अधिक पौधे तैयार

अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अनुसंधान एवं विस्तार डॉ. पी.सी. दुबे ने बताया कि वन विभाग के पास 9 करोड़ 21 लाख 9 हजार 282 पौधे उपलब्ध हैं। इस मानसून में 5 करोड़ पौधों की माँग है। माँग के उपरांत बचे हुए पौधे अगले वर्ष तक और मजबूत स्थिति में पहुँच जायेंगे। प्रदेश में विलुप्त होती 20 प्रजातियों के पौध-रोपण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। रोपणियों में पॉलीथिन के स्थान पर रूट ट्रेनर और रासायनिक खाद के बदले वर्मी कम्पोस्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है। मंत्री श्री सिंघार ने इस मानसून के लिये एक करोड़ सीड बॉल तैयार करने के निर्देश दिये। अब तक प्रदेश में 60 लाख सीड बॉल तैयार किये जा चुके हैं।

53 वन समितियों में हो रहा गौ-शालाओं का निर्माण 

मंत्री श्री सिंघार ने नील गायों से खेतों को बचाने के लिये ऐसे पौधों पर शोध करने के निर्देश दिये, जो नील गाय को निहायत नापसंद हों, ताकि खेत के बाहरी हिस्से में इनको लगाकर बिना नील गाय को नुकसान पहुँचाये फसल बबार्दी को रोका जा सके। बैठक में बताया गया कि 53 वन समितियों में गौ-शालाओं का निर्माण किया जा रहा है।

जंगल में आग को रोकने के लिये लागू फायर अलार्म सिस्टम

वन मंत्री ने अवैध उत्खनन, अतिक्रमण की बीटवार रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। श्री सिंघार ने कहा कि प्रदेश में वन अपराधों की दृष्टि से 1923 अति-संवेदनशील और 2583 संवेदनशील वन बीट हैं। अवैध कटाई, उत्खनन आदि वन अपराधों को रोकने के लिये वन विभाग को तीन विशेष सशस्त्र बल की टुकड़ियाँ प्राप्त हैं। इनके लिये बटालियन कमाण्डर को विभाग में ही नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ करें। इससे यह व्यवस्था अधिक प्रभावशाली होगी। इस वर्ष अब तक अवैध कटाई के 12 हजार 602, अतिक्रमण के 266, अवैध उत्खनन के 316 मामले दर्ज किये जा चुके हैं। अवैध परिवहन में जप्त वाहनों की संख्या 212 है। वन मंत्री श्री उमंग सिंघार ने जंगल में आग को रोकने के लिये लागू फायर अलार्म सिस्टम से वन समितियों और गाँवों को जोड़ने के निर्देश दिये।

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