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समितियों से खाद का आधा उठाव, निजी क्षेत्र का कर रहे रूख

समितियों से खाद का आधा उठाव, निजी क्षेत्र का कर रहे रूख

यूरिया का उठाव करने समिति में नहीं पहुंच रहे किसान

सिवनी। गोंडवाना समय।
खरीफ सीजन की तैयारी में जुटे किसान यूरिया, डीएपी व अन्य उर्वरक लेने के लिए समितियों के चक्कर लगा रहे हैं। विपणन व कृषि विभाग की मानें तो समितियों में लक्ष्य से कहीं ज्यादा यूरिया, डीएपी व दूसरे उर्वरक उपलब्ध हैं। अग्रिम उठाव योजना के तहत हजारों क्ंिवटल यूरिया डीएपी किसानों को वितरित भी किया जा चुका है। वहीं किसानों का कहना है कि समितियों से जरूरत के मुताबिक यूरिया खाद व उर्वरक नहीं मिल रहा है। मजबूरन किसान बाजार से यूरिया, डीएपी व दूसरे उर्वरक खरीद रहे हैं। 15 जून से जिले में मानसून के सक्रिय होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इससे पहले ही किसान खेती के लिए जरूरी खाद, बीज और अन्य सामग्री जुटाने में लग गए हैं।

बखरौनी का काम जारी 

जिले में इन दिनों बखरौनी का काम खेतों में चल रहा है। तेज धूप में खेत की मिट्टी को पलटने (बखरौनी) कर उसमें उर्वरक और यूरिया इत्यादि डालकर किसान बुआई के लिए खेतों को तैयार कर रहे हैं। तेज धूप से मिट्टी में मौजूद जीवाणु नष्ट हो जाते हैं वहीं प्री मानसून की पहली बारिश होते ही खेत बुआई के लिए तैयार हो जाते हैं। जिले में धान के बाद मक्के की सबसे ज्यादा बुआई की जाती है। पिछले साल करीब 3.29 लाख हेक्टेयर रकबे में धान, मक्का व अन्य खरीफ फसलें बोई गई थी। इस साल यह रकबा और बढ़ सकता है।
मक्के में लगेगा ज्यादा यूरिया
पिछले कुछ सालों में जिले में मक्का की पैदावार में कई गुना बढ़ोत्तरी हुई है। मक्के का अच्छा दाम मिलने के कारण किसान इसे खेतों में बड़ी मात्रा में लगा रहे हैं। मक्के की अच्छी फसल के लिए किसानों को इसमें ज्यादा यूरिया और उर्वरक का छिड़काव करना होता है। मक्का बुआई का रकबा बढ़ने के साथ ही जिले में यूरिया और उर्वरक की खपत भी हर साल बढ़ रही है।

लक्ष्य से ज्यादा भंडारण 

समितियों को 31 मई तक किसानों के अग्रिम उठाव के लिए लक्ष्य से कही ज्यादा यूरिया व डीएपी उपलब्ध कराया गया है। कृषि विभाग के मुताबिक जिले की 57 समितियों में 11 हजार क्ंिव यूरिया का लक्ष्य रखा गया था। जबकि लक्ष्य से ज्यादा 13276 क्ंिव यूरिया समितियों में भंडारित कराया है। करीब 7 हजार क्ंिव यूरिया का उठाव किसान कर चुके हैं। डीएपी का लक्ष्य 6500 क्ंिव निर्धारित किया गया था। करीब 5 हजार क्ंिव डीएपी समितियों में भंडारित कराया गया है। इसमें से 2500 क्ंिव से ज्यादा डीएपी का उठाव हो चुका है। 533 क्ंिव पोटाश में से करीब 200 क्ंिव पोटाश का उठाव किसान कर चुके हैं। अन्य उर्वरक का उठाव भी किसानों द्वारा किया जा रहा है। वहीं विपणन विभाग के डबल लॉक केंद्रों में पर्याप्त यूरिया व डीएपी उपलब्ध है। मांग के अनुसार समितियों को यूरिया, खाद व अन्य उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है।

लक्ष्य के मुताबिक 18 हजार टन करीब 85 फीसदी यूरिया जिले को उपलब्ध कराया जा चुका है। जिले में 10 हजार टन से ज्यादा डीएपी उपलब्ध है। किसानों के लिए पर्याप्त खाद व यूरिया जिले में मौजूद है।
हीरेंद्र सिंह रघुवंशी, डीएमओ
मार्कफेड सिवनी  

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