90 प्रतिशत अनुदान पर किसानों को मिलेगा मक्का बीज
सिवनी। गोंडवाना समय।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत किसानों को बेहतर क्वालिटी का मक्का व धान बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। एमपी एग्रो द्वारा कृषि विभाग को मांग के अनुरूप मक्का और धान का बीज किसानों के वितरण के लिए उपलब्ध कराया गया है। एमपी एग्रो के जिला प्रबंधक अशोक नेमा ने बताया कि इस साल जिले को आदिवासी बाहुल्य पांच विकासखंडों के एसटीएससी व अन्य वर्ग के किसानों के लिए 2236 क्ंिवटल मक्का बीज का लक्ष्य दिया गया है। जिले के पांच आदिवासी विकासखंडों कुरई, छपारा, लखनादौन, घंसौर व धनौरा क्षेत्र के किसानों को लक्ष्य के मुताबिक मक्के का बीज 90 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराया जाएगा। इन विकासखंडों में अगले एक दो दिनों में मक्का बीज की खेप पहुंच जाएगी। जबकि मुख्यालय में 100-100 क्ंिवटल मक्का व धान बीज का भंडारण कर वितरण शुरू कर दिया गया है। करीब 60 क्ंिवटल मक्का बीज का वितरण एमपी एग्रो द्वारा निर्धारित दर पर किसानों को दिया जा चुका है। विकासखंड स्तर पर योजना के तहत कृषि विभाग द्वारा 90 प्रतिशत अनुदान राशि पर किसानों को मक्का बीज उपलब्ध कराया जाएगा।
बीज का बाजार से कम दाम
एमपी एग्रो से किसानों को मक्का बीज की सीपी 333 किस्म 160 रुपए प्रतिकिलो दी जा रही है जबकि यहीं मक्का बीज बाजार में सीपी 999 के नाम से 950 रुपए प्रतिकिलो किसानों को बेचा जा रहा है। इसके अलावा एडीवी 756 मक्का बीज भी 180 रुपए प्रति किलो किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। जबकि बाजार में यह बीज 250 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। धान बीज की पाइनियर 27पी31 किस्म 260 रुपए किलो व डीआरएच 775 किस्म 282 रुपए प्रति किलो एमपी एग्रो में उपलब्ध है। बाजार में 350 रुपए तक यह बीज किसानों को बेचा जा रहा है।
नि:शुल्क मिलेगा धान बीज
कृषि कल्याण विभाग के बीज वितरण प्रभारी सुरेंद्र शांडिल्य ने बताया कि इस बार लक्ष्य के मुताबिक 14640 हेक्टेयर में प्रदर्शन के लिए किसानों को धान का बीज नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। करीब 235.46 हेक्टेयर में धान की रोपाई कर 610 किसानों तक इसका बीज पहुंचाया जाएगा। एक हेक्टेयर के दसवे हिस्से में किसान को रोपणी तैयार करने कृषि विभाग 30 किलो बीज उपलब्ध कराएगा इससे तैयार पौधों से 6 हेक्टेयर रकबे में धान की रोपाई हो सकेगी। रोपणी तैयार कने वाला किसान अपने दो नजदीकी किसानों को दो दो हेक्टेयर जमीन में धान के पौधे बुआई के लिए उपलब्ध कराएगा ताकि किसान इससे अच्छी पैदावार हासिल कर सके।