मध्य प्रदेश सरकार ने विशेष पिछड़ी जनजातियों को शासकीय सेवा में नियुक्ति के लिये किया विशेष प्रावधान
सहरिया, बैगा और भारिया जनजातियों को मिलेगा लाभ
भोपाल । गोंडवाना समय।मध्य प्रदेश राज्य शासन के प्रदेश की तीन विशेष पिछड़ी जनजातियों सहरिया, बैगा और भारिया के लिये शासकीय सेवा में नियुक्ति के विशेष प्रावधान का पालन कराने के निर्देश दिये हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने समस्त सभी शासकीय विभागों, संभागायुक्तों, कलेक्टरों को इस संबंध में परिपत्र जारी किया है। मध्यप्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिये आरक्षण) नियम-1998 में विशेष पिछड़ी जनजातियों को शासकीय सेवा में भर्ती प्रक्रिया अपनाये बिना नियुक्त करने का प्रावधान है। विशेष उपबंध के अन्तर्गत श्योपुर, मुरैना, दतिया, ग्वालियर, भिण्ड, शिवपुरी, गुना और अशोकनगर जिले में निवासरत सहारिया/सहरिया आदिम जनजाति को संविदा शाला शिक्षक या तृतीय/चतुर्थ श्रेणी के किसी भी पद के लिये या वन रक्षक (कार्यपालिक) के लिये आवेदन करने पर उस पद के लिये विहित की गई न्यूनतम अर्हता रखने पर उसे भर्ती प्रक्रिया को अपनाये बिना उस पद पर नियुक्त किया जायेगा। सहरिया की तरह मंडला, डिण्डोरी, शहडोल, उमरिया, बालाघाट तथा अनूपपुर जिले की बैगा आदिम जनजाति और छिन्दवाड़ा एवं सिवनी जिलों की भारिया जनजाति के लोगों को भी इस नियम का लाभ देने का प्रावधान है।