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फेलोशिप में अब नेपाली व संथाली भाषा भी हुई शामिल

फेलोशिप में अब नेपाली व संथाली भाषा भी हुई शामिल

नई दिल्ली। गोंडवाना समय।
संस्कृति मंत्रालय के वरिष्ठ/कनिष्ठ  फेलोशिप देने की योजना में नेपाली और संथाली भाषाओं को शामिल किया जाएगा। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने घोषणा करते हुए कहा कि संस्कृति के क्षेत्र में असाधारण प्रतिभा के धनी कलाकारों को वरिष्ठ/कनिष्ठ फेलोशिप देने की योजना में भारतीय संविधान की 8 वीं अनुसूची की शेष दो भाषाओं-नेपाली एवं संथाली को शामिल किया जाएगा। संस्कृति मंत्री ने यह बात मंगलवार को घोषणा किया। संस्कृति मंत्रालय संस्कृति के क्षेत्र में श्रेष्ठ कलाकारों को वरिष्ठ/कनिष्ठ फेलोशिप प्रदान करती है। यह फेलोशिप शोध संबंधी परियोजनाओं के लिए दिया जाता है।

उम्मीदवार 22 भाषाओं में दे सकते है आवेदन 

सांस्कृतिक संसाधन और प्रशिक्षण केंद्र (सीसीआरटी) फेलोशिप की चयन प्रक्रिया के लिए नॉडल एजेंसी है। इस योजना के तहत साहित्यिक कलाएं। एक विषय है, जिसके अंतर्गत शोध के लिए उम्मीदवार 22 भाषाओं में आवेदन दे सकते हैं। इन 22 भाषाओं में अंग्रेजी और खासी भाषाओं समेत भारतीय संविधान की धारा 344 (1) और धारा 251 की 8 वीं अनुसूची में वर्णित 20 भाषाएं शामिल हैं।

ये है 20 भाषायें 

(1) असमी, (2) बंगाली, (3) बोडो, (4) डोगरी, (5) गुजराती, (6) हिंदी, (7) कन्नड़, (8) कश्मीरी, (9) कोंकणी, (10) मैथिली, (11) मलयालम, (12) मणिपुरी, (13) मराठी, (14) उड़िया, (15) पंजाबी, (16) संस्कृत, (17) सिंधी (18) तमिल, (19) तेलुगु और (20) उर्दू।  

इसके अलावा जो भाषा भाषी हैं वे भी कर सकते है आवेदन 

हालांकि केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने मंगलवार को सोशल मीडिया में ये भी शेयर किया है कि भारत में 22 सूचीबद्ध भाषायें हैं, उसमें से 20 संस्कृति मंत्रालय में फैलोशिप और स्कालरसिप के लिए पात्र थी। शेष नेपाली और संथाली भाषा को भी जोड़ दिया गया है लेकिन अंग्रेजी और खासी सूची में न होने के बाद भी पात्र थी। अब कुल 24 भाषाएं सूचीबद्ध हो गई। इसके अलावा जो भाषा भाषी हैं वे भी आवेदन कर सकते हैं।

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