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वन ग्रामों के आमान्य दावे एवं डीनोटीफाईड भूमियों पर आमान्य दावों के प्रश्न पर नहीं मिला संतुष्ट जवाब

वन ग्रामों के आमान्य दावे एवं डीनोटीफाईड भूमियों पर आमान्य दावों के प्रश्न पर नहीं मिला संतुष्ट जवाब

विधायक हीरा अलावा ने पूछे आदिम जाति मंत्री से सवाल

भोपाल। गोंडवाना समय। 
मनावर विधायक डॉ हीरालाल अलावा द्वारा विधानसभा में सत्र के दौरान आदिम जाति कल्याण मंत्री से पूछा था कि माननीय सर्वोच्च अदालत ने याचिका क्रमांक 109/2008 में वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार मान्य, आमान्य दावों के संबंध में दिनांक 13 फरवरी 2019 एवं दिनांक 28 फरवरी 2019 को क्या-क्या आदेश दिया है? न्यायालीयन आदेश के अनुसार अमान्य दावों के संबंध में शासन ने किस दिनांक क्या-क्या पत्र, परिपत्र, आदेश जारी किया ? प्रति सहित बतायें इस पर आदिम जाति कल्याण मंत्री ने जवाब दिया कि माननीय सर्र्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली ने याचिका क्रमांक 109/2008 में वन अधिकार अधिनिमय 2006 के संबंध में जारी किये गये आदेश 13 फरवरी 2019 एवं दिनांक 28 फरवरी 2019 के प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक एवं दो अनुसार माननीय न्यायालय के आदेशों के परिपालन में सभी जिलों को जारी किये गये निर्देश पत्र की प्रति पुस्ताकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र तीन अनुसार ।

दो पत्र समस्त कलेक्टर, डीएफओ को भेजे गये कार्यवाही हेतु 

वहीं विधायक हीरालाल अलावा के प्रश्न फरवरी 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक श्री अनिल गर्ग द्वारा विभाग के प्रमुख सचिव एवं राज्य व मान्य, आमान्य दावों से संबंधित किस किस विषय का उल्लेख किया है ? उसका सत्यापन एवं परीक्षण करवाये जाने के संबंध में राज्य स्तरीय वनाधिकार समिति ने क्या-क्या आदेश एवं निर्देश दिये है ? तो जवाब में आदिम जाति कल्याण मंत्री ने बताया कि संचालनालय में प्राप्त पत्रों की जानकारी पुस्ताकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र चार अनुसार वहीं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पांच के अनुसार । राज्य स्तरीय वन अध्रिार समिति की आगामी बैठक में रखे जाने पर विचार किया जायेगा। संचालनालय आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनायें म प्र भोपाल के पत्र क्रमांक/1344, 3 जुुलाई 2019 द्वारा अनिल गर्ग के 17 जून 2019 के दो पत्र समस्त कलेक्टर्स, वन मण्डल अधिकारियों को कार्यवाही हेतु भेजे गये है । इसके साथ ही विधायक डॉ हीरालाल अलावा के प्रश्न राज्य शासन गैर वन भूमियों पर आमान्य किये दावे, वन ग्रामों के आमान्य किये दावे एवं डीनोटीफाईड भूमियों पर आमान्य दावों के संबंध में क्या कार्यवाही कर रहा है, कब तक करेगा ? तो अपने जवाब में आदिम जाति कल्याण मंत्री ओमकार मरकाम ने बताया कि अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकार की मान्यता) अधिनियम 2006 की धारा 2 (घ) में परिभाषित वन भूमि पर वन अधिकारों की मान्यता दी जाती है और क्या कार्यवाही कर रहा है कब तक करेगा पर शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है का जवाब देना प्रतीत होता है।

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