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आदिवासी जिलों में 9 अगस्त से प्रारंभ होगा वित्तीय समावेशन एवं साक्षरता विशेष अभियान

आदिवासी जिलों में 9 अगस्त से प्रारंभ होगा वित्तीय समावेशन एवं साक्षरता विशेष अभियान

मुख्य सचिव श्री मोहन्ती ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में दिए निर्देश 

भोपाल। गोंडवाना समय। 
मुख्य सचिव श्री सुधि रंजन मोहन्ती ने कहा है कि विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त से आरंभ होने वाले वित्तीय समावेशन एवं साक्षरता अभियान में आदिवासी जिलों के सभी ग्रामों, मजरों/टोलों को जोड़ा जाये। अभियान में आदिवासियों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये आदिम जाति कल्याण विभाग के साथ वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भी टीम भावना से कार्य करें। श्री मोहन्ती ने मंगलवार को मंत्रालय में आयोजित  वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जिला कलेक्टर्स को यह निर्देश दिये। उन्होंने वन अधिकार अधिनियम से संबंधित वन मित्र सॉफ्टवेयर के संबंध में भी चर्चा की। श्री मोहन्ती ने संभागायुक्तों और कलेक्टर्स से मिलावट के विरूद्ध जारी अभियान की प्रगति की जानकारी प्राप्त किया।

प्रदेश के आदिवासी बहुल 20 जिलों के 89 विकासखण्डों में प्रारंभ होगा अभियान

अपर मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने वीडियो कॉन्‍फ्रेंस में जानकारी दी कि प्रदेश के आदिवासी बहुल 20 जिलों के 89 विकासखण्डों में विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त  से वित्तीय समावेशन और साक्षरता के लिये विशेष अभियान आरंभ किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभियान में वित्तीय साक्षरता प्रदान करने, जनधन खातों में   ओवर ड्राफ्ट की सुविधा, नया जनधन खाता खोलने, आधार सीडिंग और प्रमाणीकरण तथा रूपे कार्ड आदि विषयों पर विस्तृत जानकारी दी जायेगी। श्री जैन ने बताया कि अभियान में वित्तीय साक्षरता के लिये विकासखण्ड स्तर पर 16 अगस्त से 15 सितम्बर तक ग्राम पंचायतवार कार्यक्रम संचालित किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि पंचायत समन्वयक, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और उस क्षेत्र के बैंक मित्र को मिलाकर 3 सदस्यीय टीमों का गठन किया जाये। ग्राम पंचायत के सचिव और रोजगार सहायक भी संबंधित ग्राम पंचायत के कार्यक्रम में शामिल होंगे। प्रत्येक विकासखण्ड में लगभग 30 वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। अभियान के लिये विशेष रूप से जानकारीपरक सामग्री जिलों को उपलब्ध कराई जा रही है।

मिलावट के विरूद्ध अभियान जारी रखें

वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव श्री मोहन्ती ने मिलावट के विरूद्ध जारी अभियान के संबंध में भी संभागायुक्तों तथा कलेक्टर्स से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मिलावट के विरूद्ध हुई कार्यवाही से सकारात्मक माहौल बना है। इसे निरंतर जारी रखना है। दूध और दूध से बनी सामग्री के साथ-साथ तेल और मसालों के सेम्
पल का भी परीक्षण किया जाये और फलों को कार्बाइड से पकाने जैसी गतिविधियों पर अंकुश लगाया जाए। उन्होंने कहा कि मिलावट की जघन्यता के अनुपात में ही मिलावट करने वालों पर कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। श्री मोहन्ती ने कहा कि प्रदेश में मिलावटी नमूनों की जाँच के लिये प्रयोगशालाओं के विस्तार और प्रकरणों में जल्द सुनवाई के लिये फास्ट ट्रेक कोर्ट स्थापित करने की कार्यवाही जारी है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन अपनी सामान्य गतिविधियों के साथ-साथ मिलावट के विरूद्ध अभियान लगातार जारी रखे। वीडियो कॉन्फ्रेंस में इन्दौर, उज्जैन, जबलपुर, भोपाल, रीवा, सागर के संभागायुक्त से उनके क्षेत्र में हुई कार्यवाहियों के संबंध में जानकारी ली गई। मंत्रालय में आयोजित वीडियो कॉन्‍फ्रेंस में अपर मुख्य सचिव वन श्री के.के. सिंह, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती गौरी सिंह, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अनुराग जैन, प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण श्रीमती दीपाली रस्तोगी तथा प्रमुख सचिव राजस्व श्री मनीष रस्तोगी उपस्थित रहे। 

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