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एक हजार के मानदेय को लेकर भरिया जनजाति का कलेक्ट्रेट में जमावड़ा

एक हजार के मानदेय को लेकर भरिया जनजाति का कलेक्ट्रेट में जमावड़ा

सिवनी। गोंडवाना समय। 
जिले में कई ग्रामीण अंचलों में निवासरत भरिया जनजाति की महिलाऐं मंगलवार को कांग्रेस सरकार से एक हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाने की मांग करते हुए कलेक्टारेट पहुंची। सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरूषों का जमावड़ा रहा। भरिया जनजाति की यह महिलाऐं पिछले एक साल से एक हजार रुपए के मानदेय को लेकर संघर्ष कर बार-बार कलेक्टारेट में गुहार लगाने पहुंच रही हैं लेकिन कांग्रेस सरकार और प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ सिवनी जिले के भरिया जनजाति के लोगों की सुध नहीं ले रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा कोई सुध न लेने के बाद अब जिले की भरिया जनजाति की महिलाऐं नौ अगस्त आदिवासी दिवस के अवसर पर छिंदवाड़ा के लिए कूच करेंगी।

शिवराज सरकार ने की थी एक हजार रूपए देने की घोषणा

पूर्व भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छिंदवाड़ा जिले में निवासरत भरिया जनजाति के सम्मेलन में पहुंचकर उनकी स्थिति को देखते हुए महिलाओं को पोषण आहर के लिए हर महीने एक हजार रुपए मानदेय देने की घोषणा की थी। उनकी घोषणा के बाद छिंदवाड़ा जिले में निवासरत भरिया जनजाति को मानदेय मिलने लगा है लेकिन पड़ोसी जिला सिवनी में हजारों की संख्या में निवासरत भरिया जनजाति की महिलाओं को यह राशि शासन से नहीं मिल रहा है। जिसकी मांग करते हुए भरिया जनजाति की महिलाऐं लामबद्ध होकर  लगातार शासन पर दबाव बनाकर एक हजार रुपए के मानदेय की मांग कर रही है।
तो करेंगे उग्र आंदोलन भरिया जनजाति की महिलाओं का कहना है कि अगर कांग्रेस सरकार ने उन्हें छिंदवाड़ा जिले की भरिया जनजाति की महिलाओं की तरह एक हजार रुपए मानदेय नहीं दिया तो वे सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन करेंगे। इसके पूर्व मंगलवार 06 अगस्त को भरिया जनजाति की महिलाओं ने कलेक्टारेट पहुंचकर प्रशासन के माध्यम से अपनी आवाज प्रदेश के मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की कवायद की है।

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