Type Here to Get Search Results !

दिवंगत परिजनों ने अपने अंग जरूरतमंदों को दान देकर उनके जीवन को आशा और उत्साह से भर दिया

दिवंगत परिजनों ने अपने अंग जरूरतमंदों को दान देकर उनके जीवन को आशा और उत्साह से भर दिया 

अंगदान जागरूकता के लिये मध्यप्रदेश शासन के प्रयास सराहनीय

सम्मानित परिवारों ने की प्रशंसा

भोपाल। गोंडवाना समय।
मध्यप्रदेश के ऐसे परिवार जो अंगदान कर चुके हैं वे अपने प्रिय परिजनों के दुनिया में न होते हुए भी उनकी खामोश मौजूदगी को महसूस करते हैं। मंगलवार को रविन्द्र भवन में चिकित्सा शिक्षा विभाग के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में ऐसे परिजनों का सम्मान किया गया। ऐसे परिवारों ने मध्यप्रदेश शासन के अंगदान के प्रति जागरूकता अभियान की प्रशंसा की। चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. साधौ ने इन परिवारों को दिवंगत परिजन के अंगदान के निर्णय के लिये उनकी सराहना की। आज जो परिवार सम्मानित किए गए उनमें श्री डोसी, श्री आनंद पाटिल, श्री संजय श्रीवास्तव, सुश्री अनिता और वैशाली राजपूत, प्रियांशी गुप्ता, सुश्री सुनीता और साधना जैन शामिल हैं। इन सभी दिवंगत परिजनों ने अपने अंग जरूरतमंदों को दान देकर उनके जीवन को आशा और उत्साह से भर दिया है। अंगदान जिसमें नेत्र, हृदय, किडनी, त्वचा शामिल हैं, अन्य गंभीर रोगों से ग्रस्त मरीजों को प्रत्यारोपित किए गए। इन परिजन ने कहा कि मध्यप्रदेश के अस्पतालों के अन्तर्गत प्रत्यारोपण की सुविधाएँ बढ़ाना सराहनीय है। इससे हजारों रोगी लाभान्वित होंगे। इन परिवारों में से अनेक सदस्यों की आँखे नम थीं क्योंकि वे अपने युवा परिजन को दुर्घटना या गंभीर रोग से खो चुके हैं। लेकिन इन सभी को इस बात का संतोष था कि उनके परिजन ने मरकर भी दूसरों की जिन्दगी को रोशन किया।

मुझे माँ ने दोबारा जन्म दिया

भोपाल निवासी मो. आजम ने कहा कि उनकी माँ ने उन्हें किडनी दी है। अब माँ और पुत्र दोनों बहुत प्रसन्न हैं। दोनों का खुशी से वजन भी बढ़ गया है। मो. आजम ने भावुक होकर कहा कि उन्हें माँ ने दोबारा जन्म दिया है। इसके लिए वे आखिरी सांस तक ऋणी रहेंगे, माँ के भी और उन चिकित्सकों के भी जिन्होंने प्रत्यारोपण किया। मो. आजम ने कहा कि उसे देख अनेक किडनी रोगी नई जिदंगी की आस रखने लगे हैं।

कबीर के भजनों ने समा बांधा

कार्यक्रम में चिकित्सा शिक्षा विभाग के आमंत्रण पर कबीर भजन सांस्कृतिक दल ने मनुष्य के जीवन की सार्थकता और जन्म-मृत्यु के दर्शन पर आधारित भजन प्रस्तुत किये। लोक गायक श्री बामनिया ने निमाड़ी
और मालवी के प्रयोग के साथ सुमधुर भजन अपनी कला मंडली के सहयोग से प्रस्तुत किये। मृत्यु के बाद भी जीवनकाल में किये गये कर्म के महत्व को रेखांकित करते भजन कार्यक्रम की थीम से जुड़े हुए थे।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.