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अंगदान करने वालों के परिजन सम्मानित कर चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. साधौ ने भी प्रस्तुत किया अंगदान शपथ पत्र

अंगदान करने वालों के परिजन सम्मानित कर चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. साधौ ने भी प्रस्तुत किया अंगदान शपथ पत्र

भोपाल। गोंडवाना समय। 
चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने विश्व अंगदान दिवस पर रविन्द्र भवन में आयोजित कार्यक्रम में अंगदान करने का शपथ पत्र प्रस्तुत किया। शपथ पत्र पर साक्षी के तौर पर उनकी निकट संबंधी सुश्री चारू साधौ ने हस्ताक्षर किये। डॉ. साधौ ने कहा कि अंगदान करना बहुत बड़ा निर्णय होता है। इससे जरूरतमंद लोगों को जीवन मिल सकता है। डॉ. साधौ ने महर्षि दधिची और गीता में पंचतत्वों के उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि जीवन नश्वर है, मनुष्य को अंगदान के लिये लोभ-लालच में नहीं बंधना चाहिये। उन्होंने कहा कि अंगदान के लिये शासन, समाज और प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक होने की जरूरत है। डॉ. साधौ ने कहा कि अभियान को सफल बनाने के लिये सभी को मिल-जुलकर प्रयास करने होंगे। चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशिलिटी कोर्सेस शुरू किये जाएंगे। भर्ती और उपकरण की व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया जायेगा, जिससे प्रदेश में अच्छी गुणवत्ता के अनुभवी डॉक्टर्स की सेवायें उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयास से परिणाम भी अच्छे आते हैं।

अंगदान को जन-अभियान में किया जायेगा परिवर्तित

प्रमुख सचिव श्री शिवशेखर शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में अंगदान को जन-अभियान के स्वरूप में परिवर्तित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इंदौर मेडिकल कॉलेज में स्‍टेट आॅर्गन एण्ड टिशूस ट्रांसप्लांट आॅर्गनाइजेशन की स्थापना की गयी है। एक-दो माह में इससे सभी जिले जोड़े जा सकेंगे। यह निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से अंगदान करने के लिये शासन का प्लेटफार्म बनेगा। श्री शुक्ला ने बताया कि शरीर के 36 प्रकार के अंग दान किये जा सकते है। प्रत्येक व्यक्ति अंगदान के लिये रजिस्ट्रेशन कराये और एक व्यक्ति की और जिम्मेदारी लें। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अंगदान के मामलों में प्रदेश का नाम रोशन हों। श्री शुक्ला ने भी अंगदान करने के लिये शपथ पत्र भरा, जिसमें उप सचिव श्री सोमेश मिश्रा साक्षी बने। आयुक्त श्री निशांत वरवड़े ने सेवा सदन नेत्र चिकित्सालय द्वारा‍किये गये सराहनीय कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी प्रेरणा से हमें भी दिशा मिली। उन्होंने कहा कि भोपाल को जल्द ही आॅर्गन डोनेट केपिटल के रूप विकसित किया जायेगा। कार्यक्रम में अंगदान करने वाले व्यक्तियों के परिजनों को शॉल, श्रीफल और प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। अंगदान के लिये प्रेरणादायी स्वयंसेवी संस्थाओं का भी सम्मान किया गया। डॉ. हिमांशु शर्मा ने अंगदान करने वाले परिवारों के सदस्यों से उनके अनुभव साझा किये। कार्यक्रम में संचालक सुश्री उलका श्रीवास्तव ने भी अंगदान के लिये रजामंदी दी।

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