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संस्थागत प्रसव की संख्या में बढ़ोतरी जन-जागरूकता की पहचान

संस्थागत प्रसव की संख्या में बढ़ोतरी जन-जागरूकता की पहचान 

सीएमई वर्कशाप में उत्कृष्ट सेवाओं के लिये डॉक्टर्स पुरस्कृत

भोपाल। गोंडवाना समय।
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने मंगलवार को यहाँ स्त्री रोग विशेषज्ञों के सीएमई (कन्टीन्यूअस मेडीकल एजुकेशन) वर्कशाप में कहा कि संस्थागत प्रसव की संख्या में दिनों-दिन बढ़ोतरी जन-जागरूकता की पहचान है। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में विशेष अभियान चलाकर जन-मानस को संस्थागत प्रसव के फायदों और मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी के उपायों से परिचित कराया है। डॉ. चौधरी ने वर्कशाप में उत्कृष्ट सेवाओं के लिये शासकीय एवं निजी स्त्री रोग विशेषज्ञों, स्टाफ एवं वॉलंटियर्स को पुरस्कृत किया।

पुरस्कार की यह परम्परा चिकित्सा के क्षेत्र में अन्य लोगों के लिये प्रेरणा होगी

मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में चुनौतियाँ और आम आदमी की अपेक्षाएँ ज्यादा हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीण अंचल तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँचाने के लिये राज्य सरकार प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रही है। डॉ. चौधरी ने पुरस्कृत डॉक्टर्स, वॉलंटियर्स और स्टाफ को बधाई देते हुए कहा कि पुरस्कार अच्छे काम करने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि पुरस्कार की यह परम्परा चिकित्सा के क्षेत्र में अन्य लोगों के लिये प्रेरणा होगी।

जिससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में अपेक्षित कमी लाई जा सके

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की प्रबंध संचालक श्रीमती छवि भारद्वाज ने इस मौके पर मिशन की गतिविधियों और कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने डॉक्टर्स से कहा कि सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिये सभी आवश्यक सुविधाओं का उपयोग करें और प्रक्रियाओं को अपनायें, जिससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में अपेक्षित कमी लाई जा सके। श्रीमती भारद्वाज ने बताया कि मिशन के कार्यक्रमों में अन्य प्रदेशों एवं प्राईवेट सेक्टर का सहयोग भी लिया जा रहा है।

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