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महात्मा गांधी के जीवन को जानने में मिलेगी सहायता-प्रहलाद पटेल

महात्मा गांधी के जीवन को जानने में मिलेगी सहायता-प्रहलाद पटेल 

द डायरी आॅफ मनु गांधी का विमोचन किया

नई दिल्ली। गोंडवाना समय।
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने गुरूवार को नेहरू स्‍मारक संग्रहालय एवं पुस्‍तकालय के सभागार में आयोजित एक समारोह में 'द डायरी आॅफ मनु गांधी' (1943-44) पुस्तक का विमोचन किया। यह पुस्‍तक महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के अवसर पर भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार द्वारा आॅक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस के सहयोग से प्रकाशित की गई है। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि डायरी लेखन की कला किसी व्यक्ति के स्वत: अनुशासन की सर्वोच्च सीमा होती है और डायरी लेखन की प्रवृत्ति एक साधारण व्यक्ति को विशेष व्यक्ति में परिवर्तित करती है।

जिससे इस पुस्तक की ख्याति पूरे भारत में फैल सके

केंद्रीय मंत्री श्री प्रहलाद   पटेल ने डायरी आफ मनु गांधी के अंग्रेजी में अनुवाद के लिए राष्ट्रीय अभिलेखागार, डॉ. त्रिदीप सुह्रद और आॅक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस के प्रयासो की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस अनुवाद से संपूर्ण विश्व को डायरी आॅफ मनु गांधी के द्वारा महात्मा गांधी के जीवन को जानने में सहायता मिलेगी। उन्होंने राष्ट्रीय अभिलेखागार से डायरी आॅफ मनु गांधी को अन्य भारतीय भाषाओ में अनुवाद करने का अनुरोध भी किया जिससे इस पुस्तक की ख्याति पूरे भारत में फैल सके।

गुजराती में की गई संपादित

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द डायरी आॅफ मनु गांधी' मूल रूप से गुजराती में संपादित की गई है और इसका अनुवाद जाने-माने विद्वान डॉ. त्रिदीप सुह्रद ने किया है। पहला खंड 1943-1944 की अवधि को कवर करता है। मनु गांधी (मृदुला) महात्‍मा गांधी के भतीजे जयसुखलाल अमृतलाल गांधी की बेटी थीं जो गांधी जी की हत्या होने तक उनके साथ रहीं। वह
1943 में आगा खान पैलेस में कारावास के दौरान कस्तूरबा गांधी की सहयोगी थीं। यह पुस्‍तक गांधीवादी अध्ययन और आधुनिक भारत के इतिहास में रुचि रखने वाले विद्वानों के लिए बहुत लाभदायक होगी।

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