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सरपंच के साथ मिलकर निलंबित सचिव ने निकाली सड़क की लाखों की राशि

सरपंच के साथ मिलकर निलंबित सचिव ने निकाली सड़क की लाखों की राशि

जनपद पंचायत सिवनी की ग्राम पंचायत मुंडरई खुर्द का मामला

सिवनी। गोंडवाना समय। 
जनपद पंचायत सिवनी की ग्राम पंचायत मुण्डरई खुर्द में पंचायत में शराब के मामले में तकरीबन आठ माह से निलंबित चल रहे पंचायत सचिव और उसके सरपंच ने जनपद पंचायत सिवनी के अधिकारियों के साथ मिलकर एक और नया कारनामा कर दिया है। निलंबित होने के बावजूद ग्राम पंचायत के आदिवासी सरपंच के साथ मिलकर (रूरबन) ग्रामीण विकास मिशन योजना के अंतर्गत निर्माण की गई सड़क के लाखों रुपए की राशि निकाल ली गई है। वहीं सड़क की गुणवत्ता प्रभावित होने के कारण कई जगह दरारे आ गई हैं। सड़क की किनारे भी टूट-फूट होने लगी है।

14 लाख 70 हजार लागत की है सड़क-

रूरबन योजना यानी ग्रामीण विकास मिशन के तहत जनपद पंचायत सिवनी के भोमा क्षेत्र अंतर्गत मुण्डरई खुर्द ग्राम पंचायत में 1470000 हजार रूपए की लागत से 415 मीटर सड़क स्वीकृत की गई थी। जिसमें मुण्डरई पंचायत के सरपंच गणेश एवं पंचायत  सचिव नागदेवे  ने रूरबन मिशन के अधिकारी-कर्मचारियों के बार-बार कहने के बाद सड़क का निर्माण कार्य किया। जिसमें निर्माण कार्य के लिए प्रथम किश्त  के रूप में 30 प्रतिशत राशि तकरीबन 4 लाख 90 हजार रुपए पंचायत को दिए गए थे जिसमें सूत्रों की मानें तो निलंबित पंचायत सचिव शशी नागदेवे और पंचायत के सरपंच गणेश ने मिलकर राशि निकाल ली जो कि शासकीय नियमों के बिल्कुल खिलाफ है। क्योकि निलंबिन के बाद वित्तीय अधिकार नहीं रहते हैं। यह पंचायत विभाग में ही नहीं बल्कि सारे विभाग में ये नियम लागू हैं।

आठ माह से निलंबित है सचिव शशी नागदेवे-

जिला पंचायत के सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत मुण्डरई खुर्द के सचिव शशी नागदेवे को फरवरी 2019 में किसान ़ऋण माफी के दरमियान पंचायत भवन में सरकारी कामकाज करने की बजाय शराब पीकर उत्पात मचाने पर ग्रामीणों के वाीडियो वायरल करने पर जिला पंचायत की तत्कालीन सीईओ द्वारा निलंबित कर दिया गया था। तब से पंचायत सचिव शशी नागदेवे निलंबित है और बहाली के लिए प्रयास कर रहे हैं।

मई माह में दी गई थी राशि

रूरबन मिशन के तकनीकी अधिकारी मुकेश शाह ने जानकारी देते हुए बताया कि सड़क के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए मई माह में प्रथम किश्त के रूप में 30 प्रतिशत राशि यानी लगभग 4 लाख 90 हजार रुपए दी गई थी। जिसे निलंबित होने के बाद वित्तीय अधिकार न होने के बावजूद सरपंच गणेश के साथ मिलकर निकाल ली गई है जो शासन के नियमों के बिल्कुल खिलाफ है। लोगों का तो यह भी कहना है कि ऐसे मामले में सरपंच,सचिव दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है।

न कोई बोर्ड न गुणवत्तापूर्ण सड़क-

सड़क बनकर लगभग पूरी हो गई है लेकिन न तो योजना व लागत संबंधित कोई बोर्ड लगाया गया है और न ही गुणवत्तापूर्ण सड़क नजर आ रही है। कई जगहों पर मोटी-मोटी दरारें आ गई है। वहीं सड़क की किनारे भी झड़ने लगी हैं।

जांच करवाकर कार्रवाई करवाऐंगे-

निलंबन के बाद पंचायत सचिव को वित्तीय अधिकार नहीं होता है। अगर मुण्डरई खुर्द के सचिव शशी नागदेवे और सरपंच ने मिलकर राशि निकाली है तो उनकी जांच कराकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सुनील दुबे सीईओ जिला पंचायत सिवनी

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