Type Here to Get Search Results !

संपत्ति या जमीन के लिए गैर आदिवासी व्यक्ति का आदिवासी लड़की से शादी करना अनुचित-राज्यपाल

संपत्ति या जमीन के लिए गैर आदिवासी व्यक्ति का आदिवासी लड़की से शादी करना अनुचित-राज्यपाल

रांची। गोंडवाना समय। 
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि यदि कोई गैर आदिवासी व्यक्ति आदिवासी लड़की से सिर्फ  संपत्ति या जमीन के लालच में शादी करता है, तो यह अनुचित है। नियम बनाया जा रहा है कि विवाहित लड़कियों को अब अपने पति का नाम लिखना आवश्यक होगा। कोई भी लाभ से पूर्व इसकी जांच की जायेगी, जनजाति समाज को नशापान से दूर रहना चाहिए। राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने सोमवार को राजभवन में मुंडा समाज के लोगों व बुद्धिजीवियों के साथ उनकी समस्याओं व योजनाओं के संबंध में बैठक में समाज के लोगों ने राज्यपाल से कहा कि वर्तमान स्थानीय नीति जनजाति समाज के लिए अनुकूल नहीं है। सरकार उनसे खतियान मांग रही है, जो कईयों के  पास नहीं है। बैठक में राज्यपाल ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा विकास एवं जन-कल्याणकारी की कई योजनाएं संचालित हैं। 

जनजाति समाज मुख्यत: कृषि पर निर्भर है 

लोगों को इन योजनाओं का लाभ मिले, यह सबका सामूहिक प्रयास होना चाहिए। इस कार्य में वे पाहन, मुखिया का सहयोग लें, राज्यपाल ने कहा कि खूंटी क्षेत्र से राज्यपाल के नाम से आधार कार्ड एवं राशन कार्ड बनाने के लिए आवेदन राज भवन भेजा जा रहा है, यह बिल्कुल गलत है, लोग ऐसा न करें। सभी अपने विवेक से निर्णय
लें। बुद्धिजीवियों का कर्तव्य है कि वे लोग सतह पर जाकर उन्हें समझायें। राज्यपाल ने उक्त अवसर पर सभी लोगों से उनके क्षेत्र में स्वच्छ भारत अभियान, उज्‍ज्वला योजना, आयुष्मान भारत,  प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना व मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा किया। उन्होंने कहा कि जनजाति समाज मुख्यत: कृषि पर निर्भर है, चौपाल लगा कर कृषि विवि इन्हें प्रशिक्षण देने की पहल करे।

राज्यपाल के साथ बैठक में सामाजिक प्रतिनिधियों ने इन मुद्दों पर की बात 

वर्तमान स्थानीय नीति जनजाति समाज के लिए अनुकूल नहीं है, सीएनटी एक्ट में संशोधन पर आत्ममंथन की आवश्यकता है, विस्थापन से पूर्व लोगों के पुनर्वास तथा रोजगार की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए, आदिवासी भूमि पर बैंक ऋण की सुविधा मिले, मुंडारी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की पहल हो, जनजाजीय भाषा विभागों में शिक्षकों की कमी दूर की जाये, विवि में एसटी/एससी सेल का गठन हो, कृषि शिक्षा पर बच्चों को ध्यान देने की आवश्यकता है, ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर ध्यान देने की आवश्यकता है, जनजातियों के आर्थिक विकास के लिए गांवों में चौपाल बने, जहां कोई बुजुर्ग पूर्व के अनुभवों और वर्तमान स्थिति के संदर्भ में लोगों को अवगत करा सकें।

प्रशासन और लोगों के बीच बेहतर संवाद प्रणाली विकसित हो 

भूमि लेन-देन में थाना की बाध्यता का उल्लेख करते हुए कहा गया कि पूर्व में बहुत कम जिले थे। लोग इसकी बाध्यता के कारण गलत तरीके से भी जमीन लेते हैं। राशि का सदुपयोग हो, नशापान पर प्रतिबंध लगे, ग्रामसभा की शक्तियों में वृद्धि की जाये, पेसा एक्ट का रूल शीघ्र बनाया जाये। राज्य में सामाजिक अंकेक्षण की आवश्यकता है। प्रशासन और लोगों के बीच बेहतर संवाद प्रणाली विकसित हो, भय का वातावरण न हो, 

जनजाति समाज जल, जंगल, जमीन पर निर्भर हैं 

जागरूकता के अभाव में सरकार की योजनाओं का लाभ लोग नहीं उठा पाते हैं, जनजाति समाज जल, जंगल, जमीन पर निर्भर हैं। औद्योगिकीकरण के नाम पर जंगलों की कटाई हो रही है और लोगों का पलायन हो रहा है। बहुत से गैर आदिवासी लोग जमीन के लालच में आदिवासी लड़की के साथ शादी करते हैं, यह बंद हो। चतुर्थ
श्रेणी की नौकरी में आउटसोर्सिंग नियुक्ति पर रोक लगे, जनजातीय खेल को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.