जलवायु परिवर्तन हो या मरुस्थलीकरण, मानव के कार्यों ने प्रकृति के संतुलन को पहुंचाया नुकसान
भूमि निम्नीकरण की समस्या के लिए भविष्य की कार्य योजना करेगा तैयार
सूखा, जंगल की आग, अचानक से आई बाढ़ और भूमि का क्षरण हमें देती है चेतावनी
197 देशों के लगभग 7200 प्रतिनिधि इस सम्मेलन में होंगे शामिल
नई दिल्ली। गोंडवाना समय।
मरुस्थलीकरण का सामना करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के तहत 12 दिवसीय 14 वां कॉन्फ्रेंस आॅफ पार्टीज (कॉप-14) इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा में शुरू हुआ। यूएनसीसीडी के कार्यकारी सचिव श्री इब्राहिम थियाव तथा राज्यमंत्री श्री बाबुल सुप्रियो तथा अन्य गणमान्यों व्यक्तियों की उपस्थिति में मीडियाकर्मियों को जानकारी देते हुए केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि व्यापक स्तर पर जागरूकता तथा लोगों की भागीदारी समय की आवश्यकता है।
चाहे जलवायु परिवर्तन हो या मरुस्थलीकरण हो, मानव के कार्यों ने प्रकृति के संतुलन को नुकसान पहुंचाया है। अब लोगों ऐसा अनुभव करते हैं कि यदि मानव के कार्यों से कुछ नुकसान पहुंचा है तो सकारात्मक मानवीय कार्यों से उस नुकसान को कम किया जा सकता है और आने वाली पीढ़ियों को हम एक बेहतर दुनिया दे सकते हैं।
प्रधानमंत्री 09 सितंबर को उच्चस्तरीय बैठक का करेंगे उद्घाटन
कृषि योग्य भूमि को संरक्षित करने के लिए विश्व स्तर पर चलाए जाने वाले अभियान के बारे में केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि 122 देश भूमि निम्नीकरण की समस्या को राष्ट्रीय लक्ष्य बनाने और समावेशी विकास लक्ष्य हासिल करने के लिए सहमत हुए हैं। इन देशों में ब्राजील, चीन, भारत, नाइजीरिया, रूस और दक्षिण अफ्रीका जैसे सर्वाधिक आबादी वाले देश शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 09 सितंबर, 2019 को उच्चस्तरीय बैठक का उद्घाटन करेंगे।इतने बड़े स्तर के सम्मेलन के महत्व के बारे में केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ऐसे विश्व मंच पर अपने अनुभवों और सफलता की कहानियों को साझा करने से विश्व को सहायता प्राप्त होगी। हम लोग प्रत्येक देश में तेजी से कार्य कर सकते हैं। इसलिए यह यूएनसीसीडी बहुत महत्वपूर्ण है और हम आशा करते हैं कि कुछ अच्छे परिणामों को दिल्ली घोषणा पत्र में अधिसूचित किया जाएगा। दिल्ली घोषणा पत्र भविष्य की कार्य योजना की रूपरेखा होगी।