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अनुसूचित जाति वर्ग के संवैधानिक अधिकारों और प्रावधानों का सख्ती से हो पालन-कमल नाथ

अनुसूचित जाति वर्ग के संवैधानिक अधिकारों और प्रावधानों का सख्ती से हो पालन-कमल नाथ 

मुख्यमंत्री  की अध्यक्षता में हुई अनुसूचित जाति सलाहकार मंडल की बैठक

6 साल बाद हुई अनुसूचित जाति सलाहकार मंडल की बैठक

मध्य प्रदेश में वर्ष 2013 के बाद से अनुसूचित जाति सलाहकार मंडल की कोई बैठक ही नहीं हुई थी। यह खुलासा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार के दिन मंत्रालय में हुई विभागीय समीक्षा बैठक में हुआ है। जिसे मुख्यमंंत्री कमल नाथ ने गंभीर चूक बताया और कहा है कि आगामी समय में ऐसा न हो इसका ध्यान रखा जाये। इससे यह सामने आया है कि पूर्व सरकार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार और उनका शासन व प्रशासन अनुसूचित जाति वर्ग के लिये कितना चिंतित था। बहरहाल मुख्यमंत्री कमल नाथ ने अनुसूचित जाति वर्ग के लिये किये गये प्रावधान और अधिकार को लेकर शासकीय विभागों में उनका सख्ती से पालन कराये जाने के निर्देश दिया है।  

भोपाल। गोंडवाना समय।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि संविधान में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए जो प्रावधान और अधिकार हैं, सभी शासकीय विभागों में उनका सख्ती से पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि सलाहकार मंडल सार्थक हो और इसके जरिए अनुसूचित जाति वर्ग को लाभ पहुंचना सुनिश्चित हो। यह जिम्मेदारी हम सभी की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा है कि यह बैठक नियमित रूप से हो। इसके सुझाव और सलाह पर अनुसूचित जाति वर्ग के हित में निर्णय हों।

वर्ष 2013 के बाद बैठक न होना बड़ी चूक, आगे ऐसा न हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने शुक्रवार को 6 साल बाद मंत्रालय में हुई अनुसूचित जाति सलाहकार मंडल की बैठक में यह बात कही। सलाहकार मंडल के सभी सदस्यों ने बैठक बुलाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने ना सिर्फ बैठक बुलाई बल्कि समय-समय पर बैठक आयोजित करने के निर्देश भी
अधिकारियों को दिए हैं। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि विभागीय समीक्षा के दौरान उनके ध्यान में यह बात आई कि वर्ष 2013 से अनुसूचित जाति सलाहकार मंडल की कोई बैठक नहीं हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक गंभीर चूक थी और आगे ऐसा न हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज की बैठक में
सलाहकार मंडल की भूमिका और उसकी सार्थकता के साथ एक ऐसी व्यवस्था बने, जो अनुसूचित जाति के अधिकारों की रक्षा कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान, कानून और अनुसूचित जाति वर्ग के हितों का संरक्षण करने वाली योजनाओं का सख्ती से पालन हो। श्री कमल नाथ ने कहा कि अनुसूचित वर्गों को लाभ पहुंचाने में हम कहाँ असफल हो रहे हैं, इसके सुझाव भी मिलें, ताकि उन कमियों को दूर किया जा सके।

क्रियान्वयन प्रक्रिया ठीक नहीं, व्यापक सुधार की आवश्यकता 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि हमारी योजनाओं की क्रियान्वयन प्रक्रिया ठीक नहीं है। इसमें व्यापक सुधार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सलाहकार मंडल के सिस्टम में बदलाव होना चाहिए। बैठक के पूर्व सदस्यों के सुझाव प्राप्त किए जाएं। इन सुझावों पर संबंधित विभागों की टीप के साथ बैठक में चर्चा हो, जिससे उन पर निर्णय लिया जा सकें।

सफाई कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता

सलाहकार मंडल के उपाध्यक्ष एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री श्री लखन घनघोरिया ने सफाई कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया में सुधार लाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कम संख्या वाली अनुसूचित जाति के लोगों को जाति प्रमाण-पत्र मिलने में होने वाली असुविधाओं का निदान करने को कहा।

अनुसूचित जाति वर्ग का बजट उन्हीं के कल्याण पर हो खर्च 

चिकित्सा शिक्षा एवं संस्कृति मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ने कहा कि विभिन्न विभागों में अनुसूचित जाति मूलक योजनाओं के लिए जो पैसा जाता है, वह उन्हीं वर्गों के कल्याण पर खर्च हो, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अनुसूचित वर्गों के बच्चों की शिक्षा में भी व्यापक सुधार लाने की आवश्यकता है। डॉ. साधौ ने अप्रसांगिक योजनाओं को बंद करने का सुझाव दिया।

अदालतों की बजाय आपसी सामंजस्य और सद्भाव के साथ हो निराकरण

लोक निर्माण मंत्री श्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि अनुसूचित जाति की बस्तियों के पर्यावरण में सुधार लाना चाहिए ताकि वे अच्छे वातावरण में जीवन यापन कर सकें। उन्होंने अनुसूचित जाति वर्ग के प्रकरणों के निराकरण के लिए त्वरित गति से कार्य करने की आवश्यकता बताया। आगे श्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि अनुसूचित जाति तथा अन्य वर्गों के बीच विवाद के प्रकरणों का निराकरण अदालतों की बजाय आपसी सामंजस्य और सद्भाव के साथ हो। ऐसी प्रक्रिया अपनाई जाना चाहिए।

बैकलॉग के पदों पर तत्काल भर्ती करने का दिया सुझाव 

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने बैकलॉग के पदों पर तत्काल भर्ती करने का सुझाव दिया। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने हर जिले में ज्ञानोदय विद्यालय खोलने और शिक्षा में सुधार लाने का सुझाव दिया।

छात्रावास मेें बढ़ाई जाये सुविधायें

महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवीने कहा कि अनाथ आश्रम में रहने वाले बच्चों का भी जाति प्रमाण-पत्र बनाया जाए। छात्रावासों में अनुसूचित जाति वर्ग के भोजन की राशि में वृद्धि की जाए और इन छात्रावासों में अनुसूचित जाति वर्ग के अधीक्षक ही पदस्थ किये जाएं।

बैठक में ये रहे मौजूद 

विधायक श्री हरिशंकर खटीक, श्री हरि सिंह सप्रे, श्री कमलेश जाटव, श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया, श्री जसमंत जाटव, श्री जजपाल, श्री शिवदयाल बागरी, श्री सोहनलाल वाल्मीक, श्री महेश परमार, श्री रामलाल मालवीय एवं श्री मनोज चावला ने भी सुझाव दिए। बैठक में अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन श्री के.के. सिंह, पुलिस महानिदेशक श्री वी.के. सिंह और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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