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समाज के अमूल्य सुझाव से छत्तीसगढ़ विकास की राह पर बढ़ेगा आगे-राज्यपाल

समाज के अमूल्य सुझाव से छत्तीसगढ़ विकास की राह पर बढ़ेगा आगे-राज्यपाल 

सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमण्डल ने राज्यपाल से मुलाकात की

छत्तीसगढ़। गोंडवाना समय। 
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से राजभवन में सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमण्डल ने श्री बी.पी.एस. नेताम के नेतृत्व में मुलाकात किया। प्रतिनिधिमण्डल ने आदिवासी समाज के विकास के लिए विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा कर सुझाव दिए। राज्यपाल ने प्रतिनिधिमण्डल से कहा कि आप समाज के प्रबुद्धवर्ग हैं, आपके द्वारा दिए गए सुझाव निश्चित ही अमूल्य होंगे। इस संबंध में शासन स्तर पर चर्चा की जाएगी और सबके सहयोग से छत्तीसगढ़ को विकास की राह में आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि संविधान में अनुसूचित जनजाति वर्ग के संरक्षण के लिए विभिन्न प्रावधान किये गए हैं और उन प्रावधानों का पालन कराने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा। राज्यपाल ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में किये गए कार्य के अनुभवों को साझा किया।

उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर आदिवासियों की जमीनों का अधिग्रहण किया गया था, पर उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिला था, आयोग के द्वारा उन्हें न्याय दिलाया गया। उन्होंने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी समाज की शिक्षा के विकास के लिए प्रत्येक जिले और विकासखण्ड स्तर पर नवोदय विद्यालय खोला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की कुछ जातियां, जो वर्षों से समाज के परम्पराओं का निर्वहन कर रही है, पर मात्रात्मक त्रुटि या अन्य किसी कारणवश अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल नहीं की गई, उन्हें चिन्हित कर ध्यान में लाएं ताकि उन्हें भी संवैधानिक प्रावधानों का लाभ दिलाया जा सके। राज्यपाल ने कहा कि पिछले दिनों उनके समक्ष अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम पंचायत से नगर पंचायत में परिवर्तित किए गए मुद्दों को प्रकाश में लाया था। इस समस्या को शासन स्तर पर चर्चा कर समाधान करने का प्रयास किया जाएगा।

प्रतिनिधिमण्डल ने पांचवी अनुसूची क्षेत्र में आने वाले नगरीय स्थानीय निकायों में पंचायत की तरह आरक्षण लागू कराने का आग्रह किया। प्रतिनिधिमण्डल ने इसके साथ ही पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में आय सीमा बंधन समाप्त करने और सी. और डी. श्रेणी के भर्ती नियम को महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के पैटर्न पर लागू करने पर चर्चा की, जिस पर राज्यपाल ने शासन स्तर पर चर्चा करने का आश्वासन दिया। इसके साथ ही प्रतिनिधिमण्डल ने वर्ष 1991 से वर्ष 2011 तक किये गए जनगणना में आदिवासी समाज की जनसंख्या में आई कमी का अध्ययन करने के लिए किसी राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ समिति से सर्वे कराने का सुझाव दिया। इस अवसर पर विधायक श्री शिशुपाल सोरी, सेवानिवृत्त आई.ए.एस. अधिकारी श्री बी.एल. ठाकुर, श्री जी. एस. धनंजय, श्री एम. एस. पैकरा, श्री जे. मिंज, श्री नवल सिंह मंडावी, श्री राम सिंह ठाकुर, श्री हीरालाल नायक, सेवानिवृत्त आई.पी.एस. अधिकारी श्री भारत सिंह, श्री बी.बी.एस. ठाकुर, श्री पोषार्य-भानुप्रताप सिंह, श्री पुरूषोत्तम गौतम, सेवानिवृत्त न्यायिक सेवा अधिकारी श्री आर.बी. सिंह, श्री सलमान सिंह, श्री रविशंकर साय, पूर्व कुलपति श्रीमती जयलक्ष्मी ठाकुर सहित विभिन्न विभागों के सेवानिवृत्त अधिकारीगण तथा राज्यपाल के सचिव श्री सुरेन्द्र कुमार जायसवाल, विधि सलाहकार श्री एन.के. चन्द्रवंशी भी उपस्थित थे।

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