Type Here to Get Search Results !

जनजातीय समुदाय ने कभी भी वन की भूमि की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डाला-अर्जुन मुण्डा

जनजातीय समुदाय ने कभी भी वन की भूमि की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डाला-अर्जुन मुण्डा

केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने कॉप-14 यूएनसीसीडी: ट्राइफेड-जीआईजेड में बम्बूनॉमिक्स के माध्यम से जनजातीय उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सबसे बड़े जनजातीय आंदोलन की शुरूआत 

नई दिल्ली। गोंडवाना समय।
केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने देश में बम्बूनॉमिक्स के माध्यम से जनजातीय उद्यम को बढ़ावा देने के लिए सबसे बड़े जनजातीय आंदोलन की शुरूआत की है, जो शेष विश्व के लिए पथ प्रदर्शक होगा। श्री मुंडा ने ग्रेटर नोएडा एक्सपो में कॉप-14 यूएनसीसीडी: ट्राइफेड-जीआईजेड के बम्बूनॉमिक्स के माध्यम से भारतीय परिदृश्य नामक सत्र में भूमि की गुणवत्ता में क्षरण और जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए आंदोलन की शुरूआत किया।

जनजातियों विशेषज्ञता और अनुभव पर किया जाना चाहिये विचार 

केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने अपने भाषण में भूमि की गुणवत्ता में क्षरण से निपटने और पर्यावरण के उन्नयन के लिए देशी समुदाय के महत्व के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदाय कई पीढ़ियों से जंगलों के आस-पास के क्षेत्रों में बहुत ही पर्यावरण अनुकूल तरीके से रहता आया है और उसने कभी भी वन की भूमि की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डाला है। इसलिए उनकी विशेषज्ञता और अनुभव पर विचार किया जाना चाहिए।

जनजातीय कार्य मंत्रालय तथा ट्राइफेड इस राष्ट्रीय संकल्प को करेंगे मजबूत 

श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बॉन चैलेंज के तहत अतिरिक्त 5 एमएचए का लक्ष्य निर्धारित किया है और जनजातीय कार्य मंत्रालय तथा ट्राइफेड इस राष्ट्रीय संकल्प को मजबूत करेंगे। श्री मुंडा ने अनेक देशों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। बेनिन और जीआईजेड के कृषि मंत्रालय की ओर से उन्हें नवंबर, 2019 में बायो चार ग्लोबल मीट में भाग लेने और संबोधित करने का अनुरोध किया गया।

पर्यावरण से जुड़ी सेवाएं करते समय, जनजातीय लोगों की आय भी कायम रहेगी

ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक श्री प्रवीर कृष्ण ने 4 पी 1000 पहल बम्बूनॉमिक्स के माध्यम से जनजातीय परिदृश्य की शुरूआत की और 13 सितंबर, 2019 को नई दिल्ली में वैश्विक सम्मेलन (कॉप-14 - यूएनसीसीडी) के दौरान आंदोलन की शुरूआत के बारे में चर्चा किया। फ्रांस की ओर से 1 दिसंबर, 2015 को कॉप-21 में शुरू की गई 4 पी 1000 नामक अंतर्राष्ट्रीय पहल में सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों के सभी स्वैच्छिक हितधारक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि किस प्रकार ट्राइफेड पर्यावरण अनुकूल विकास को ध्यान में रखते हुए तथा गरीबों की आय से समझौता किए बिना भूमि की गुणवत्ता में हुई कमी को दूर करने के लिए भारत के जनजातीय समुदाय को शामिल करेगा। उन्होंने कहा कि बम्बूनॉमिक्स को इस प्रकार तैयार किया गया है कि पर्यावरण से जुड़ी सेवाएं करते समय, जनजातीय लोगों की आय भी कायम रहेगी। उन्होंने दो अंतर्राष्ट्रीय समितियों की भी शुरूआत की। ट्राइफेड अपनी प्रधानमंत्री वन धन योजना (पीएमवीडीवाई) को टीआईसीडी (ट्राइफेड इनिशिएटिव टू कॉम्बेट डेजर्टीफिकेशन) के रूप में शुरू की गई इस नई वैश्विक पर्यावरण योजना के साथ जोड़ने के लिए प्रयासरत है। ट्राइफेड ने एक ऐसे कारोबार का प्रस्ताव किया है, जिससे जनजातीय समुदाय की आय बढ़े और जर्मनी के सहयोग (जीआईजेड) से साझेदारी द्वारा इसे विश्व के पैमाने पर स्थापित करे।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.