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चार महिने से वित्त विभाग द्वारा जारी अनुदेशों की अवहेलना कर रहे सहायक आयुक्त और जिला संयोजक

चार महिने से वित्त विभाग द्वारा जारी अनुदेशों की अवहेलना कर रहे सहायक आयुक्त और जिला संयोजक 

जिसके कारण राज्य सरकार का राजस्व अधिशेष एवं राजकोषीय घाटा होता है प्रभावित 

केंद्र व राज्य सरकार की निधियों को बैंक खातों में जमा रखने को लेकर गंभीर नहीं है सहायक आयुक्त 

आदिवासी विकास विभाग में केंद्र सरकार व राज्य सरकार के द्वारा भेजे जाने वाले बजट को क्रियान्वयन करने वाले आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त व जिला संयोजक कितने गंभीर है यह खुलासा कार्यालय महालेखाकार (सामान्य एवं सामाजिक क्षेत्र लेखा परीक्षा ) मध्य प्रदेश आडिट भवन झांसी रोड ग्वालियर उप महालेखाकार द्वारा जारी 28 जून 2019 को जारी पत्र के लगभग चार महिने पूरे होने को है लेकिन उसके बाद भी केंद्र व राज्य सरकार से प्राप्त निधियों को बंैक खातों में जमा रखने में जानकारी प्रदान नहीं कर पा रहे है। जिसे कार्यालय महालेखाकार (सामान्य एवं सामाजिक क्षेत्र लेखा परीक्षा ) मध्य प्रदेश आडिट भवन झांसी रोड ग्वालियर उप महालेखाकार स्वयं गंभीर प्रकृति की आपत्ति के साथ वित्त विभाग द्वारा जारी अनुदेशों की अवहेलना बता रहे है लेकिन उसके बाद भी सहायक आयुक्त व जिला संयोजक गंभीर नहीं है अर्थात वित्त विभाग के आदेशों व दिशा निर्देशों को अंगूठा दिखाने से बाज नहीं आ रहे है। वहीं केंद्र सरकार के जनजातिय मामलों के मंत्री श्री अर्जुन मुण्डा व मध्य प्रदेश शासन के आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री ओमकार मरकाम भी अपने विभागों के द्वारा प्रदत्त बजट की राशि को लेकर संभवतय: संज्ञान नहीं ले पा रहे है इसलिये जिला स्तर पर विभाग के नुमार्इंदे अपनी मनमर्जी के हिसाब से विभाग को चला रहे है। 

भोपाल। गोंडवाना समय। 
राज्य एवं भारत सरकार से प्राप्त निधियों को बैंक खातों में जमा रखने के संबंध में कार्यालय महालेखाकार (सामान्य एवं सामाजिक क्षेत्र लेखा परीक्षा ) मध्य प्रदेश आडिट भवन झांसी रोड ग्वालियर उप महालेखाकार द्वारा आयुक्त आदिवासी विकास भोपाल को पत्र लिखा गया है कि केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों के क्रियान्वयन हेतु जारी अनुदान/निधियों के व्यय हेतु संबंधित विभाग के आहरण एवं संवितरण अधिकारी (डी.डी.ओ.) द्वारा निधियों को शासकीय खातों/कोषालयों से अनियमित रूप से आहरित कर बैंक खातों में जमा रखकर बैंक खातों से निधियों का व्यय किया जा रहा है। जिसके कारण राज्य सरकार का राजस्व अधिशेष एवं राजकोषीय घाटा प्रभावित होता है जो कि गंभीर प्रकृति की आपत्ति के साथ वित्त विभाग द्वारा जारी अनुदेशों की भी अवहेलना है।
इस प्रकार विभाग में बैंक खातों से किये जा रहे लेन-देनों की (दिनांक 31 मार्च 2019 की स्थिति में) डी.डी.ओ. वाईज संकलित जानकारी संलग्न प्रपत्र के अनुसार कृपया इस कार्याल्य को दिनांक 17 जुलाई 2019 तक अवश्य भिजवाने का कष्ट करें । इसके अतिरिक्त यह भी अवगत करावें कि बैंक में जमा राशि का उपयोग किन उद्देश्यों के लिये किया जा रहा है तथा ऐसे प्रकरण जिनमें वित्त विभाग द्वारा इस प्रकार बैंक खातों से लेनदेन को अधिकृत किया गया हो, के समर्थन में समुचित तथ्य/प्रलेख पत्र के साथ संलग्न कर इस कार्यालय को प्रेषित करने का कष्ट करें ।

डी.डी.ओ. वाइज जानकारी तुरंत भेजने के दिये निर्देश 

वहीं इसी संबंध में कार्यालय आयुक्त जनजातिय कार्य विकास मध्य प्रदेश संयुक्त संचालक वित्त द्वारा मध्य प्रदेश के समस्त जिला संयोजक/सहायक आयुक्त एवं संभागीय उप आयुक्त  जनजाति कार्य विभाग को राज्य एवं भारत सरकार से प्रापत निधियों को बैंक खातों में जमा रखने के संबंध में पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने उप महालेखाकार ग्वालियर द्वारा प्रदत्त पत्र का हवाला देते हुये उल्लेख किया है कि 31 मार्च 2019 तक की स्थिति में राज्य एवं भारत सरकार से प्राप्त निधियों को बैंक खातों में जमा रखने के संबंध में जानकारी आपसे चाही गई थी किंतु आज तक अप्राप्त है। इस संबंध में उन्होंने स्पष्ट लिखा है कि डी.डी.ओ. वाइज जानकारी तुरंत इस कार्यालय को भेजे।

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