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कार्यालय उपसंचालक किसान कल्याण विभाग का सहायक संचालक 8 हजार की रिश्वत लेते पकड़ाया

कार्यालय उपसंचालक किसान कल्याण विभाग का सहायक संचालक 8 हजार की रिश्वत लेते पकड़ाया

लूघरवाड़ा के बालाजी कृषि केन्द्र के संचालक की शिकायत पर लोकायुक्त की दबिश 

सिवनी। गोंडावाना समय। 
कलेक्टर के आदेश पर सिवनी जिले में अमानक खाद्-बीज की ताबड़तोड़ कार्रवाई कर सुर्खियां बटोरने वाला कार्यालय उपसंचालक कृषि विभाग सिवनी सोमवार को रिश्वत लेने के मामले में दागी हो गया है। लोकायुक्त पुलिस ने सोमवार को घात लगाकर विभाग के सहायक संचालक को कार्यालय के भीतर ही आठ हजार रुपए की
रिश्वत लेते हुए पकड़ा है।
रिश्वत के मामले मेें दागी हुआ सहायक संचालक अपने ही विभाग के पांच लोगों के नाम से 10 हजार रुपए की रिश्वत की मांग कर रहा था। मिली जानकारी अनुसार जबलपुर लोकायुक्त के डीएसपी दिलीप झरबड़े और उनकी टीम ने सोमवार को लूघरवाड़ा ग्राम मेें स्थित बालाजी कृषि केन्द्र के संचालक सीताराम बघेल की शिकायत पर कार्यालय उपसंचालक किसान कल्याण विभाग के सहायक संचालक व्हीके देशमुख को आठ हजार रुपए की रिश्वत हुए तकरीबन साढ़े 11 बजे पकड़ा है। कार्यालय में रिश्वत लेते दबोचे जाने के बाद लोकायुक्त विभाग के डीएसपी और निरीक्षक व्हीके देशमुख को लेकर उसके घर भी गई थी। हालांकि घर पर क्या कार्रवाई की गई यह टीम ने बताने से पल्ला झाड़ लिया।

बाला जी कृषि केन्द्र को सील कर खोलने के नाम पर मांग रहा था राशि-

लोकायुक्त विभाग के डीएसपी दिलीप झरबड़े ने बताया कि लूघरवाड़ा निवासी सीताराम बघेल ने 23 नवंबर को शिकायत किया था कि कलेक्टर के आदेश पर चले अभियान के दौरान कार्यालय उपसंचालक की टीम में शामिल सहायक संचालक विजय कुमार देशमुख,बीआर अठ्या,एससी नेताम,बीआर भारती,घनश्याम बावने द्वारा जांच के दौरान मौके पर दस्तावेज न मिलने पर सीताराम बघेल की बालाजी कृषि केन्द्र को सील कर दिया था। सीताराम बघेल का कहना है कि दो दिन बाद उन्होने कार्यालय पहुंचकर दस्तावेज दिखाया इसके बावजूद दुकान को नहीं खोला जा रहा था बल्कि दुकान खोलने के बदले  में सहायक संचालक व्हीके देशमुख द्वारा 10 हजार रुपए की मांग की जा रही थी। इस मामले को लेकर 22 नवंबर को सीताराम बघेल ने सबूत सहित जबलपुर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक से शिकायत की थी।

जैसे ही दिया पैसा घात लगाई टीम ने दबोच लिया-

शिकायत की पुष्टि होने के बाद लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक जबलपुर के निर्देशन में डीएसपी दिलीप झरबड़े, इंस्पेक्टर ओस्कर किंडो,सब इंस्पेक्टर नरेश बेहरा,आरक्षक अमित मंडल, विजय विष्ट, जुबेद खान और रमेश विश्वकर्मा की टीम सोमवार को कार्यालय उपसंचालक किसान कल्याण विभाग के आसपास घात लगाकर बैठ गई और जैसे ही लोकायुक्त पुलिस द्वारा दी गई पांच-पांच सौ की नोट के आठ हजार रुपए सीताराम बघेल ने  सहायक संचालक व्हीके देशमुख को दिया उसी दरमियान लोकायुक्त की टीम ने पैसे सहित रंगे हाथ दबोच लिया। पैसे लेने के बाद तत्काल सहायक संचालाक व्हीके देशमुख का हाथ धुलाया तो पूरा मामला उजगार हो गया।

कर्मचारियों के नाम मांग रहा था पैसे-

बालाजी कृषि केन्द्र के संचालाक सीताराम बघेल ने गोंडवाना समय से बातचीत के दौरान बताया कि सहायक संचालक व्हीके देशमुख दुकान को सील करने के दौरान टीम में शामिल रहे लोगों को देने के नाम पर दस हजार रुपए की मांग कर रहा था। सीताराम बघेल के बताए अनुसार उनमें ,बीआर अठ्या,एससी नेताम,बीआर भारती,घनश्याम बावने शामिल हैं।

रिश्वतखोर सहायक संचालक के घर भी पहुंची लोकायुक्त पुलिस-

लोकायुक्त पुलिस के डीएसबी सहित इंस्पेक्टर की टीम रिश्वतखोर सहायक संचालक को लेकर उसके निवास स्थान लूघरवाड़ा भी पहुंची थी। जबकि कार्यालय में रिश्वत लेते पकड़ा गया था। हालांकि सूत्रों की माने तो पहली मर्तबा ऐसा हुआ है कि टीम आरोपी को लेकर उसके घर भी गई थी जबकि इसके पहले रिश्वत के कई मामलों में
ऐसा नहीं हुआ है जिसको लेकर लोकायुक्त पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। हालांकि सहायक संचालक को घर ले जाकर क्या कार्रवाई की गई इस मामले में लोकायुक्त के डीएसपी दिलीप झरबड़े द्वारा जानकारी देने की बजाय कार्रवाई चल रही कहते हुए चुप्पी साध ली।

कलेक्ट्रेट  कैम्पस के अधिकांश कार्यालय रिश्वत से दागी-

कार्यालय उपसंचालक किसान कल्याण विभाग से सटकर संचालित इक्का-दुक्का कार्यालय को छोड़कर अधिकांश कार्यालय रिश्वत से रंग गए हैं। लोक निर्माण विभाग की शाखा पीआईयू, मत्स्य विभाग, ट्रायवल विभाग, उद्यानिकी विभाग, बीआरसी कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जा चुके हैं और उनका मामला चल रहा है।

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