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भूटान, बांग्लादेश तथा म्यांमार में गोंडी भाषा, धर्म, संस्कृति की बतायेंगे विशेषताएं

भूटान, बांग्लादेश तथा म्यांमार में गोंडी भाषा, धर्म, संस्कृति की बतायेंगे विशेषताएं  

गोंडवाना इंडियन ट्राइबल एसोसिएशन का प्रतिनिधिमण्डल हुआ रवाना 

नागपूर। गोंडवाना समय। 
वर्ष 2018 में श्रीलंका रिसर्च टूर थाईलैंड रिसर्च पेपर (क्लाइमेट चेंज) सबमिशन के सफल यात्रा के बाद, अपने शोध कार्य को आगे बढ़ाते हुए वर्ष 2019 में  संयुक्त राष्ट्र संघ (जेनेवा स्विट्जरलैंड) द्वारा  मूलनिवासी दिन 2019-20 भाषा संरक्षण वर्ष विषय पर शोध पत्र आमंत्रित किये गए थे। जिसमें रायाण घोड़ाम पीएचडी स्कॉलर द्वारा गोंडी भाषा पर शोधपत्र भेजा गया था जो एप्रूव्ड भी हुआ। अब नवंबर 2019 में भूटान, म्यांमार तथा  बांग्लादेश में विविध कार्यक्रमों के अपनी उपस्थिति देंगे। विशेष बांग्लादेश राष्ट्र के ढाका राजधानी में आयोजित अंर्तराष्ट्रीय लिटफेस्ट 2019 कार्यक्रम में भारत के आदिम जनजाति गण भाषा, साहित्य संस्कृति धर्म विषय पर बांग्लादेश सरकार के आमंत्रण पर तिरु. के पी प्रधान गोंडी धमार्चार्य कोरबा छग, तिरु. रायाण घोड़ाम रिसर्च स्कॉलर नागपुर महाराष्ट्र,तिरु. योगेंद्र राजन सरुता कोरबा छ ग अतिथि रूप उपस्थित रहेंगे तथा ट्राइबल लिटरेचर विषय पर व्याख्यान देंगे। जिसमे भाषा, संस्कृति, पुनेम, धर्म, पद्धति परंपरा आदि बिंदु रहेंगे तथा पुरातन अवशेषों  पर अध्ययन करेंगे। गोंडवाना इंटरनेशनल रिसर्च प्रमोटर प्रोत्साहक में सचिदानंद शाह गोंड़ धुर्वा पं. बंगाल, नंदकुमार शाह गोंड़ पं. बंगाल, डॉ. हरीश मरकाम बस्तर छ.ग, अरविंद मसराम नागपुर महाराष्ट्र, आरती सुरपाम मुंबई महाराष्ट्र, संदीप सिंह कुलस्ते भोपाल मप्र., लक्मन घोड़ाम आदिलाबाद तेलंगाना, सूरज शाह गोंड़ पं बंगाल, कैलाश बीसी ओड़िसा, विक्रम शाह गोंड़ दिल्ली, डॉ. मनोहर मेश्राम तेलंगाना, कोमल नेताम छग शामिल है। 

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