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कंगाली जी के संघर्ष व योगदान का दिया संदेश

कंगाली जी के संघर्ष व योगदान का दिया संदेश 

आईपीएफ महिला मंडल ने दादा मोती रावण कंगाली जी को दी विनम्र श्रद्धांजलि

बालाघाट। गोंडवाना समय। 
गोंडी धर्म आचार्य साहित्यकार मोती रावण कंगाली जी की पुण्यतिथि 30 अक्टूबर 2019 दिन बुधवार को बड़ा देव मंदिर भरवेली बालाघाट में आईपीएफ महिला मंडल बालाघाट एंव आईपीएफ महिला मंडल भरवेली की मातृशक्तियों द्वारा विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये मनाया गया ।जिसमें नीलू मसराम ने दादा मोतीरावण कंगाली जी के जीवन काल में किए गए कार्यो पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालते हुए सिंधुघाटी एंव हड़प्पा सभ्यता की लिपि को पढ़कर गोंडी लिपि विश्व की सबसे प्राचीन लिपि है उसे समाज के सामने लाया और गोंडी भाषा तथा लिपि को बचाएं रखने हेतु समाज को जाग्रत करने की जानकारी दी। वहीं रमा तेकाम ने उनके द्वारा किये गये अत्याधिक संघर्ष, सामाजिक जिम्मेदारी का पालन पर विचार रखते हुए समाज में दिए गए योगदान को बताया। इसके साथ ही निर्मला ठाकुर ने भी संक्षिप्त संदेश के माध्यम से अपनी बात रखी। सभी उपस्थित महिलाएं उनके कार्यो को सुनकर भाव विभोर हो गई और सामाजिक जिम्मेदारी के महत्व को समझी । पुण्यतिथि के कार्यक्रम में रीना धुर्वे, रेखा सैय्याम, कविता कुंभरे, रैवन्ता उइके, लक्ष्मी सिरसाम, ममता परते, माधुरी मरावी, प्रमिला सिरसाम, कविता उइके, पूर्वी सैय्याम, आदिरावेन एवं अर्पिता परते आदि की उपस्थिति रही।

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