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सरकार के घर में एक डोली खेत नहीं है वो तुम्हारा कर्जा कहां से करेगी माफ-हीरा सिंह मरकाम

सरकार के घर में एक डोली खेत नहीं है वो तुम्हारा कर्जा कहां से करेगी माफ-हीरा सिंह मरकाम

बिरसा मुण्डा जयंति पर धनौरा विकासखंड के कुड़ारी में बिरसा मुण्डा प्रतिमा का हुआ अनावरण 

देश में अन्नदाता किसानों की स्थिति ठीक नहीं

सिवनी/धनौरा। गोंडवाना समय।
सिवनी जिले के धनौरा विकासखंड के ग्राम कुड़ारी में क्रांतिसूर्य महामानव बिरसा मुण्डा जयंति के अवसर पर आदिवासियों के महानायक बिरसा मुण्डा जी की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे गोंडवाना रत्न, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष दादा हीरा सिंह मरकाम जी ने कहा कि बिरसा मुण्डा ने सिर्फ आदिवासियों के हक अधिकारों के लिये संघर्ष आंदोलन नहीं किया था वरन उन्होंने किसानों के हक अधिकारों को लेकर और अंग्रेजों व जमीदारों के द्वारा किसानों के साथ किये जाने वाले अन्याय-अत्याचार-शोषणकारी नीतियों का विरोध करने के लिये आंदोलन चलाया था। आज भी देश में किसानों-अन्नदाताओ की स्थिति सरकार की नीतियों के कारण ठीक नहीं है।
बिरसा मुण्डा जयंति व प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम के शुरूआत में गोंडवाना रत्न दादा हीरा सिंह मरकाम ने सर्वप्रथम अपने वक्तव्य के दौरान जयंति व प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में मौजूद अन्नदाताओं किसानों के चरणों में सेवा जौहार करते हुये कहा कि मैं निवेदन करने के लिये खड़ा हूं, आप लोग दुनिया को समझने की कोशिश करते हो, लेकिन खुद को नहीं समझ रहे हो। 

किसी को दबाने में अपनी ताकत मत लगाओ वरन आप अपनी ऊंचाई बढ़ाओ

गोंडवाना रत्न दादा हीरा सिंह मरकाम ने अन्नदाताओं व किसानों की स्थिति पर बोलते हुये कहा कि सरकार के घर में एक डोली खेत नहीं है वो तुम्हारा कर्जा कहां से माफ करेगी। इसलिये अन्नदाताओं आपको सरकार के बहकावे में आने की आवश्यकता नहीं है। आज यहां पर बिरसा मुण्डा जी कार्यक्रम है वहीं आपके जिला सिवनी में दलसागर किसने बनाया था वहीं किसके राज में सोने का सिक्का किसने चलाया यह भी सबको समझना होगा। उन्होंने आगे कहा कि यदि समस्या आपकी है तो उसका हल भी आपको ही ढूढ़ना होगा और इसलिये आप गोंडवाना आंदोलन को समझों। किसी को दबाने में अपनी ताकत मत लगाओ वरन आप अपनी ऊंचाई बढ़ाओ।

देश-प्रदेश में जो भी महंगाई बढ़ती है उसे यही सरकारे तुम्हारे सिर पर मढ़ती है

गोंडवाना रत्न दादा हीरा सिंह मरकाम ने आगे कहा कि अन्नदाता व ग्रामीणजनों आप ही लोग बड़े सरकार हो और यही सरकार जो भी कर्ज लेती है वो तुम पटाते हो। देश-प्रदेश में जो भी महंगाई बढ़ती है उसे यही सरकारे तुम्हारे सिर पर मढ़ती है। सरकार ऐसी नीतियां बनाकर कार्य कर रही है कि देश में जल, जंगल, खेती की जमीन समाप्त हो रही है वहीं जड़ी बूटी समाप्त हो रही है इतना ही नहीं गाय मूकपशुओं को चारा नहीं मिल रहा है। जबकि अन्नदाता किसान समाज ही खेती किसानी करके बरसते पानी में हो या कड़कड़ाती ठण्ड हो या फिर भीषण गर्मी हो वह खेत में जाकर काम करते है उसके बाद भी अन्नदाताओं का परिवार का चार ऊंगल का पेट नहीं भर पा रहा है, आखिर क्या कारण है कि किसान देश में परेशान व हैरान-हताश हो रहा है इस पर चिंतन-मंथन करने की सख्त आवश्यकता है। 

आपने सबका भाग्य लिखा लेकिन अपना भाग्य नहीं लिखा

गोंडवाना रत्न दादा हीरा सिंह मरकाम ने अन्नदाताओं ग्रामीणजनों को संबोधित करते हुये कहा कि आपने सबका भाग्य लिखा लेकिन अपना भाग्य नहीं लिखा। आगे उन्होंने कहा कि मुफ्त में खाने वाले का स्वाभिमान कभी नहीं जागता और देश व प्रदेश में सरकार मुफतखोर बनाने का काम कर रही है। देश में खेती की जमीन में रसायनिक उर्वरक का प्रयोग कर जहरीली खेती की जा रही है। वहीं देश में बढ़ रहे भ्रष्टाचार के संबंध में भी कहा कि देश में नेताओं अधिकारियों की पूंजी दिन रात बढ़ रही है और देश के कई बड़े-बड़े नेता जेल की भी शोभा भी बढ़ा रहे है।

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